झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पाए गए कोयला घोटाले में दोषी, आज सुनाई जाएगी सजा
नई दिल्ली: भारत प्राकृतिक संसाधनों के हिसाब से दुनिया का सबसे अमीर देश है। यहाँ के कुछ राज्य ऐसे हैं जहाँ प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है। इसके बाद भी देश के उन राज्यों की स्थिति काफी ख़राब है। इसकी एक सबसे बड़ी वजह, भ्रष्टाचार है। इसी का नतीजा यह होता है कि उन राज्यों में असमानता का स्तर बहुत ज्यादा देखने को मिलता है। यानी कोई अमीर है तो हद से ज्यादा अमीर है और कोई गरीब है तो बहुत ज्यादा गरीब है।ऐसा ही एक राज्य है झारखण्ड।
यह राज्य अपने प्राकृतिक संसाधनों की वजह से जाना जाता है। यहाँ उत्तम क्वालिटी का कोयला पाया जाता है, जिसका निर्यात विदेशों में किया जाता है। देश में कोयला घोटाला बहुत बार हुआ है। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को दोषी करार दिया है। उनके साथ ही पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु और कोलकाता की कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को भी दोषी पाया गया है।
गुरुवार यानी 14 दिसंबर को सभी दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआई अदालत ने मामले में वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुल्सयान, लोक सेवक बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुल्सयान को बरी कर दिया है। जानकारी के लिए आपको बता दें यह मामला झारखण्ड में राजहरा नार्थ कोयला ब्लॉक का आवंटन कोलकाता स्थित वीआईएसयूएल को देने में अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है।
अभी तक कोल ब्लॉक आवंटन मामले में 30 मामले दर्ज किये गए हैं। विशेष कोर्ट ने अभी तक केवल 4 मामलों में फैसला सुनाया है। अभी 26 मामलों में फैसला सुनाया जाना बाकी है। अभी तक कुल 1 लोगों और 4 कंपनियों को दोषी करार दिया गया है। पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को 11 मामलों में आरोपी पाया गया है। इसमें से 2 मामलों में उन्हें दोषी भी ठहराया जा चुका है। इससे पहले गुप्ता को मध्यप्रदेश में थेसगोरा बील रद्रपुरी कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के आरोप में दो साल की सजा सुनाई जा चुकी है। फ़िलहाल वह जमानत पर हैं।