क्रिकेटर बुमराह की एक झलक को तरस गए दादा,मशहूर पोते से मिलने के लिए उठाया खौफनाक कदम
मशहूर हस्तियों से मिलने के लिए आम आदमी की उत्सुकता तो अक्सर देखने सुनने को मिलती है.. लोग उनके एक झलक के लिए तरसते रहते हैं, पर क्या सोहरत की बुलंदियां इतनी ऊंची होती है कि वहां पहुंचने के बाद आपका अपना भी आपसे मिलने को तड़प के रह जाए। जी हां, ऐसा ही कुछ वाक्या सामने आया है एक नामी क्रिकेटर के बारे में, जहां दादा ने मशहूर पोते से मिलने की तड़प में आत्महत्या कर ली। दरअसल इंडियन क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के दादा संतोख सिंह बुमराह पिछले दो दिन से लापता चल रहे थे.. रविवार को उनका शव साबरमती नदी से बरामद किया गया.. साथ ही उनका बुमराह के नाम एक बेहद मार्मिक वीडियो संदेश भी सामने आया है। उस संदेश से आशंका जताई जा रही है कि उन्होनें आत्महत्या की है।
असल में उत्तराखंड के उधमसिंह नगर के रहने वाले संतोख सिंह बुमराह चार दिन पहले पोते जसप्रीत बुमराह को देखने की इच्छा के लिए अहमदाबाद आए थें। चूंकि उनकी जसप्रीत की मां से अनबन चलती है इस वजह से यहां जसप्रीत के आवास के आने के बजाय अपनी बेटी यानी जसप्रीत की बुआ रविन्दर कौर के आवास पर रूके गए।लेकिन वस्त्रापुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी एम एम जाडेजा के मुताबिक जसप्रीत की बुआ रविन्दर कौर ने आठ दिसंबर को संतोख की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और बताया कि वो दोपहर से गायब हैं और उनका फोन भी बंद हैं।उसके बाद संतोख का उनका शव रविवार को शहर के बीचो बीच बहने वाली साबरमती नदी के दधिचि पुल के पास से मिला।
इसके साथ ही बुमराह के दादा एक स्थानीय चैनल से बातचीत का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें उन्होनें अपने पोते जसप्रीत को एक बार गले लगाने की अंतिम इच्छा जाहिर की है। साथ ही ये आरोप भी लगाया है कि जसप्रीत की मां उन्हें पोते से मिलने नहीं देती। हालांकि उन्होंने अपने मशहूर पोते पर फख्र जताते हुए उसे आर्शीवाद भी दिया है कि वो और नाम कमाएं। गौरतलब है भारत के लिए खेलने वाले जसप्रीत बुमराह अभी इंडियन टीम के साथ होने के कारण अहमदाबाद में नहीं हैं।
दरअसल बुमराह के परिवार में मतभेद की कहानी ये है कि आज के समय में ट्रक चलाने वाले संतोख सिंह की कभी अहमदाबाद में तीन फैक्ट्रियां थी।पर 2001 में उनके बेटे और जसप्रीत के पिता जसवीर सिंह का पीलिया से निधन हो गया जिसके बाद तो उनके घर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा ..आर्थिक स्थिति इतनी खराब हुई कि तीनो फैक्ट्रियों को बेचने की नौबत आ गई और उन्हे बेंच संतोख 2006 में उत्तराखंड के उधमसिंह नगर चले गए, बाद में जहां उन्होंने चार ट्रक खरीद ट्रांसपोर्टेशन का काम शुरू किया.. वो खुद भी ट्रक चलाते थे। जबकि इधर जसप्रीत की मां अहमदाबाद में ही रह गई और संतोख अपनी बीवी और टूसरे बेटे के साथ उत्तराखंड में बस गए .. बताया जाता है कि उसके बाद से संतोख और जसप्रीत की मां में हमेशा अनबन रही। पर जब जसप्रीत ने बड़े होकर क्रिकेट में नाम कमाया तो दादा को भी अपने पोते की याद आई पर मां की वजह से जसप्रीत अपने दादा से कभी मिल ना सके।