बिहार में शराब बंदी के बाद नशे में धुत्त होने के लिए युवाओं की पहली पसंद बन गया है कोबरा का ज़हर
पटना: यह बात सभी लोग जानते हैं कि नितीश सरकार ने बिहार में पूर्णरूप से शराब बंदी करवा दी है। बिहार में शराब पीने और बेचने वालों के खिलाफ कड़े कानून भी बनाये गए हैं। यहाँ तक की घर में शराब रखना भी कठोर अपराधों की श्रेणी में घोषित कर दिया गया है। शराब बंदी का भयावह असर बिहार में देखने को मिल रहा है। शराब बंदी के बाद खतौर से युवा वर्ग नशे में धुत्त रहने के लिए तरह-तरह के मादक पदार्थों का सेवन करने लगा है।
शराब बंदी के बाद बिहार अब ड्रैग माफियाओं का केंद्र बनता जा रहा है। इस समय बिहार में ड्रैग माफियाओं की धूम मची हुई है। बिहार के लोग नशे की तलाश में अलग-अलग विकल्पों की तलाश भी कर रहे हैं। चरस, गांजे, अफीम, हेरोइन के बाद अब बिहार के युवाओं को साँप का ज़हर अपनी तरफ खूब आकर्षित कर रहा है। जब से बिहार में प्रशासन और नारकोटिक्स को इस तरह के नशे में सामान मिले है, वह भी हैरानी में पड़ गए हैं।
मंगलवार को बिहार के किशनगंज में बीएसएफ की टीम ने 1.87 किलोग्राम ज़हर से बना हुआ पाउडर बरामद किया। बीएसएफ ने साथ में तीन तस्करों को भी गिरफ्तार किया। सहायक कमान्डेंट नरेन्द्र कुमार के अनुसार गुप्त सूचना के आधार पर साँप के ज़हर के साथ दो
लोगों को गिरफ्तार किया गया। बरामद किये गए ज़हर से बने पाउडर की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 14 करोड़ रूपये है।
उन्होंने बताया कि साँप के जहर को एक शीशे के जार में रखा गया था। साथ ही बिहार के अन्य जगहों से भी नशे की अलग-अलग चीजे बरामद की जा रही हैं। हाल ही में पटना में गांजे की एक खेप पकड़ी गयी, जिसकी तस्करी सरकार के डाक विभाग के जरिये की जा रही थी। ऐसे ही पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल थाना क्षेत्र के एक नेपाली नागरिक के पास से 4.2 किलोग्राम चरस बरामद की गयी है। इस चरस की कीमत लगभग 80 लाख रूपये बताई जा रही है।