अध्यात्म

अपने जीवन में किए गए एक छल के लिए,भगवान राम को भुगतना पड़ा था ये परिणाम

ये तो हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं कि मनुष्य को उसके किए गए कर्मों की सजा जरूर मिलती है वो चाहें वो इसी जीवन में मिले या फिर अगले जन्म .. और ये बात सनातन धर्म में हमेशा लागू होती रही है। यहां तक कि जब भगवान ने स्वयं मानव रूप में घरती पर जन्म लिया तो उन्हे भी अपनी बनाई हुई सृष्टि की इस माया का सामाना करान पड़ा। पौराणिक मान्यताओं की माने तो भगवान विष्णु के अवतार श्री राम को भी मानव रूप में अपने किए गए एक छल का परिणाम भुगतना पड़ा था। आज हम आपको इसी विषय में बताने जा रहे हैं .. तो आइए जानते हैं कि भगवान राम ने अपने जीवन में किसके साथ वो छल किया था और उसका क्या परिणाम मिला था उन्हे।

भगवान का श्रीराम के रूप में मानव अवतार सबसे आदर्श माना जाता है.. श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है,, उनके कर्म पूरी मानव जाति के लिए आदर्श माने जाते हैं। लेकिन पौराणिक मान्यताओं की माने तो श्रीराम ने भी अपने जीवन में एक छल किया था और उन्हें इसकी सजा भी मिली थी। दरअसल ये प्रसंग बालि के वध से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथा ये है कि सुग्रीव की सहायता के लिए श्रीराम ने बालि के वध करने का निर्णय लिया क्योंकि बालि ने सुग्रीव से उसका सम्राज्य और उसकी पत्नी को बलपूर्वक छीन लिया था।

लेकिन श्रीराम के लिए बालि का वध करना भी काफी दुष्कर था .. क्योंकि बालि को ऐसा वरदान मिला हुआ था कि जो भी व्यक्ति उसके सामने आएगा उसकी आधी शक्ति बालि में समा जाएगी । इस तरह श्रीराम के साथ ये समस्या थी कि अगर वो बालि के सामने जाकर उसका वध करने का प्रयास करते तो उनके स्वयं की शक्ति बालि में समा जाती और ऐसे में श्रीराम ने बालि को पेड़ की आड़ से तीर चलाकर मार दिया।

यही वो छल था जिसे श्रीराम ने बालि के साथ किया और इसका परिणाम उन्हे जन्म में मिला। भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में अवतार लिया तो अगले जन्म में बालि भी भील बनकर पैदा हुआ था  और जब भगवान श्रीकृष्ण यादवों के गृहयुद्ध से परेशान अकेले सोमनाथ के निकट प्रभास क्षेत्र में थके-हारे एक पेड़ के नीचे बैठे थे तो उसी वक्त भील ने कृष्ण के पैर में चमकती मणि को हिरण की कस्तूरी समझकर तीर मार दिया। उस तीर से कृष्ण को देह त्यागनी पड़ी। यानी जिस बालि को राम ने छिपकर मारा था, उसी बालि ने अगले जन्म में  भील बनकर पेड़ के पीछे से छिपकर कृष्ण को मारा और इस तरह से कर्मों के फल से खुद भगवान राम भी नहीं बच पाए।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy7bet https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor slot thailand slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://officialstore.it.com/ https://ecourse-lpug.gunadarma.ac.id/data/ https://unilinkindia.com/