पीएम मोदी के एक दांव से पाकिस्तान में छा गया अंधेरा
पीएम मोदी के एक दांव से पाकिस्तान में अंधेरा छाने की कगार में है.. जो लोग पीएम मोदी के विदेशी दौरों पर निशाना साधते हैं उनको ये खबर जरूर पढ़नी चाहिए, क्योंकि विदेश नीति का जो परिणाम आया है, वो देश की जनता को खुश करने वाला है। क्योंकि भारत का कट्टर विरोधी और बात बात पर बेवजह धमकी और आतंक फैलाने वाले देश पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। पीएम की विदेश नीति का ही असर है कि पाकिस्तान की गुलाम कश्मीर में दूसरे देशों की मदद से पनबिजली परियोजना लगाने की योजना खटाई में पड़ गई है जिसके बाद पाकिस्तान सरकार की कोशिशों को करारा धक्का लगा है।
गुलाम कश्मीर में पाकिस्तान की बिजली परियोजना को दक्षिण कोरियाई कंपनी ने फाईनेंस करने के कदम को पीछे छीन लिया है। इस परियोजना में रुचि दिखा रहीं दक्षिण कोरियाई कंपनियों को यहां की सरकार ने चेतावनी दी है कि वहां निवेश काफी जोखिम भरा हो सकता है। इससे भारत की संवेदनशीलता जुड़ी हुई है। सरकार के इस रुख को देखते हुए इन कंपनियों का इरादा बदल सकता है।
दरअसल इस प्रोजेक्ट के माध्यम से पाकिस्तान कोशिश कर रहा है कि गुलाम कश्मीर में विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए तैयार करने के बाद उसके कब्जे पर अंतरराष्ट्रीय मुहर लग जाएगी। अभी तक चीन के अलावा किसी भी दूसरे देश की कंपनी ने यहां निवेश नहीं किया है। गुलाम कश्मीर से गुजरने वाली चीन की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट-वन रोड परियोजना का भारत कड़ा विरोध करता रहा है। अब अमेरिका, फ्रांस समेत कई देश भारत के इस रुख के समर्थन में हैं।
इस मामले में दक्षिण कोरिया के उप विदेश मंत्री चो हुन ने कहा कि कश्मीर के जिस हिस्से में पाकिस्तान पनबिजली परियोजना लगा रहा है, उसे हम संवेदनशील मानते हैं। इसलिए हमने उस परियोजना में रुचि दिखाने वाली कंपनियों को कड़े शब्दों में बताया है कि वहां निवेश करने से बचें। हालांकि, कॉरपोरेट सेक्टर कहां निवेश करता है यह निर्णय हम नहीं कर सकते। भारत और दक्षिण कोरिया के प्रगाढ़ होते रिश्ते को देखते हुए यह गुंजाइश कम है कि यहां की कंपनियां पाकिस्तान के भुलावे में आएंगी।
मोदी की 2015 की दक्षिण कोरिया यात्र के बाद दोनों देशों में विशेष रणनीतिक रिश्ता बना है। रणनीति से जुड़े कई क्षेत्रों में करीबी रिश्ते बनाने के लिए लगातार उच्चस्तरीय वार्ता हो रही है।
दक्षिण कोरिया में इस बात को लेकर काफी नाराजगी है कि पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार विकसित करने में मदद की है। इसकी वजह से पूरे इलाके के लिए खतरा पैदा हो गया है। भारत भी उत्तर कोरिया द्वारा घातक हथियार बनाने पर चिंता व्यक्त करता रहा है। भारत यह मांग भी करता रहा है कि उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार दिलाने में किस देश ने मदद की है उसकी भी जांच होनी चाहिए।