भगवान शिव की नगरी काशी खतरे में, दहशत फैलाने के लिए आतंकियों के निशाने पर धर्म नगरी
वाराणसी: आतंकवाद इस समय एक ऐसी समस्या बना हुआ है, जिसका दंश लगभग दुनिया का हर देश झेल रहा है। आतंकवाद की आग में हर साल ना जाने कितने मासूम जलकर अपनी जान दे देते हैं। यह पूरी दुनिया को पता चल गया है कि आतंकवाद को पनाह देने वाला कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान ही है। हालांकि आतंकी पाकिस्तान को भी नहीं छोड़ते हैं। समय-समय पर पाकिस्तान में भी आतंकी घटनाएँ होती रहती हैं,जिसमें सैकड़ों लोग अपनी जान गंवाते हैं।
इस समय आतंकियों का मन अपने नापाक इरादों से पूरी दुनिया को दहला देने का है। इसके लिए आतंकियों ने काशी को अपना निशाना बनाया है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र और दुनिया के सबसे प्राचीन शहर बनारस में हर रोज लाखों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी इकठ्ठा होते हैं। अगर ऐसे में आतंकी यहाँ किसी भी तरह की आतंकी घटना को अंजाम देने में कामयाब हो जाते हैं तो उसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है। ऐसे ही एक नापाक इरादे को अंजाम देने के लिए नईम बनारस में डेरा डाले हुए था।
नईम के पास से छावनी और पॉवर प्लांट के वीडियो फुटेज भी प्राप्त हुए हैं। इससे यह साफ़-साफ़ पता चलता है कि वह अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए रेकी कर चुका था। हालांकि अभी यह खुलासा नहीं हो पाया है कि पॉवर प्लांट सोनभद्र का है या मध्य प्रदेश का तो नहीं है। बनारस की भीड़-भाड़ और सकरी गालियाँ नईम के लिए बिलकुल सही जगह थी। सूत्रों से यह भी पता चला है कि नईम ने छुपने के लिए शहर के घनी आबादी वाले इलाके को चुना था। नईम का बनारस में पाया जाना ख़ुफ़िया तंत्रों पर बड़ा सवाल उठाता है।
*- 23 फ़रवरी 2005 को दशाश्वमेघ घाट पर विस्फोट। विस्फोट में 7 लोगों की जान गयी और आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
*- 7 मार्च 2006 को वाराणसी के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर संकटमोचन और कैंट रेलवे स्टेशन के पास विस्फोट। विस्फोट में 17 लोगों की मौत हुई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए।
*- 23 नवम्बर 2007 को वाराणसी के कचहरी में विस्फोट, 9 लोगों की जान गयी और 4 लोग घायल हुए थे।
*- 7 दिसंबर 2011 को वाराणसी के शीतला घाट पर विस्फोट, एक बच्ची की मौत और लगभग 2 दर्जन लोग घायल हुए।