30 साल से सड़क पर झाडू लगा रहा है ये शख्स, इस की तनख्वाह जान कर रह जाएंगे दंग
एक व्यक्ति पिछले 30 साल से एक ही जगह झाडू लगाता है और उसकी तनख्वाह है मात्र 600 रुपये महीना! क्या आपको इस बात पर यकीन हुआ? शायद नहीं हुआ होगा, क्योंकि हमें भी इस बात पर यकीन नहीं हुआ था जब तक हमने यूपी के शाहजहांपुर जिले के इस शख्स के बारे में नहीं सुना था. वह आज भी वहां इस उम्मीद के साथ काम करता है कि शायद एक दिन वह भी सरकारी कर्मचारी बन जाए.
20 रुपये से शुरू की थी नौकरी
30 साल से एक ही जगह झाडू लगाने वाले इस शख्स का नाम महेंद्र है. महेंद्र शाहजहांपुर के सिधौली थाणे में मात्र 600 रुपये महीने की तनख्वाह पर झाडू लगाता है. उसे उम्मीद थी कि एक दिन वह यहां छोटा-मोटा सरकारी कर्मचारी बन जाएगा. सरकारी कर्मचारी बनना तो दूर की बात है अगर महेंद्र की सैलरी में थोड़ा बहुत इजाफा हो जाये तो उसके लिए यही बड़ी बात है. पिछले 30 सालों में महेंद्र की सैलरी केवल 580 रुपये बढ़ी है. आज वह केवल 600 रुपये महीना पाता है. महंगाई के इस ज़माने में 600 रुपये में परिवार का खर्च चलाना नामुमकिन है. महेंद्र के परिवार में कुल 8 सदस्य हैं. रहने के लिए उसके पास ज़मीन भी नहीं है. पत्नी की मौत बहुत पहले ही हो चुकी थी. महेंद्र ने बताया कि पहले उसे सैलरी नकद मिलती थी. लेकिन अब सैलरी खाते में आती है जिसे निकालने के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. महेंद्र के अनुसार शासन-प्रशासन ने भी उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. वह तो सरकारी नौकरी की उम्मीद में इतने सालों से वहां काम कर रहा था.
क्या कहती है पुलिस
सिधौली थाना के इंस्पेक्टर ने बताया कि वह लोग महेंद्र को 100-200 रुपये अलग से देते हैं. थाने के दरोगा लोग उससे कुछ काम के बदले ये रुपये दे देते हैं. साथ ही कुछ कांस्टेबल भी महेंद्र की मदद करते हैं. इससे उसका घर चलने में थोड़ी बहुत मदद मिलती होगी. उनके अनुसार प्रदेश में काम करने वाले सभी स्वीपर को लगभग इतनी ही तनख्वाह मिलती है. लेकिन इंसानियत के नाते थाणे के लोग महेंद्र की मदद अलग-अलग तरीके से करते रहते हैं.
खैर ये तो सिधौली थाना के इंस्पेक्टर राजवीर का कहना था. लेकिन हम सभी को पता है कि 600 रुपये में आजकल कुछ भी नहीं मिलता. बाहर खाना खाने पर हम 1000 का बिल तो यूहीं दे देते हैं. ऐसे में मात्र 600 रुपये में घर चलाना कितना मुश्किल होता होगा यह तो सिर्फ महेंद्र ही जान सकता है.