फैक्ट्री में बम फटने से हुई खलबली, ऐसा दर्दनाक मंजर कि पानी को तड़प रहे थे लोग
लुधियाना: बीते सोमवार को लुधियाना की फैक्ट्री में आग ने हर तरफ खलबली मचा दी. कोई नहीं जानता था कि इतनी बड़ी फैक्ट्री का यूँ खोफनाक अंत हो जायेगा. फैक्ट्री में काम करने वाले हजारो लेबर्स और अन्य कर्मचारी रोज़ की तरह अपने घरों से काम के लिए निकले थे. लेकिन, उनके घरवालों में से कोई इस भी इस बात से वाकिफ नहीं था कि आज उनके घरों के चिराग बुझने वाले हैं. हर कोई रोज़ की तरह अपने काम में व्यस्त था मगर अगले पल उनके साथ क्या होने वाला था ये शायद कोई न जानता था.दरअसल, इस फैक्ट्री में लगी आग ने इतनी तबाही फैला दी कि कोई सोच भी नहीं सकता था. मौके पर पहुंचे ए.सी.पी. मंदीप सिंह और अन्य पुलिस अधिकारी भी काफी देर तक मामले की जड़ को समझ नहीं पा रहे थे. बहरहाल, चलिए जानते हैं आखिर पूरी ख़बर क्या है…
पल भर में पूरी फैक्ट्री हो गयी तबाह
दरअसल, ये मामला लुधियाना का है. जहाँ कल एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गयी. लोगों को राहत उस समय मिली जब उन्हें लगा कि फैक्ट्री के अगले हिस्से में आग बुझ चुकी है और बाकी कीमती बचा समान बर्बाद न हो जाये, इसलिए उसको निकाल लिया जाए. लेकिन, उनका ये फैसला उनकी जान ले लेगा इस बात से वह सभी हैरान थे. जानकारी के अनुसार जब फैक्ट्री के अगले हिस्से में आग थम गयी तो वहां कईं मजदूर कीमती समान लेने को चले गये. लेकिन, अचानक से अंदर जोरदार बम विस्फोट हुआ और हर तरफ मौत का साया बिखर गया. बस यही एक पल था, जिसने दर्जनों जिंदगियों को दाव पर लगा दिया था और पूरी बिल्डिंग जोर के धमाके से धराशायी हो गई और चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
धमाके की आवाज़ से मचा बवाल
जानकारी के अनुसार फैक्ट्री के सामने ही मार्किट चलाने वाले दो लोगों ने इस पूरे दर्दनाक मंजर को अपनी आँखों के सामने देखा था. इन दोनों व्यक्तियों का नाम जगजीत पिंकी व बिट्टू दुखिया है. दोनों ने बताया कि फैक्ट्री में लगी आग से सब मजदूर परेशान थे. कोई नहीं जानता था कि इस आग के पीछे की वजह आखिर क्या थी. जब आग कम हुई तो, जगजीत और बिट्टू ने वर्कर्स को चाय और समोसे खिलने की सोची क्यूँ कि सुबह से आग में उन सब को भूख लग गयी थी. दोनों ने मिलकर उन सबको नाश्ता करवाया और फैक्ट्री से बाहर आ गये. उन्होंने बताया कि वह जब बहर निकले तो अंदर लगभग 20 से अधिक मजदूर थे. और उनके बहर निकलने के साथ ही ज़ोरदार धमाके की आवाज़ आई और चारों और धुआं ही धुआं फ़ैल गया. जब धुएं की परत हटी तो सामने का नज़र देख वह सन्न रह गये. वहां फैक्ट्री का नामो निशान ही नहीं था. इतनी बड़ी फैक्ट्री मलबे में बदल चुकी थी और मजदूर उस मलबे के नीचे दम तोड़ चुके थे. ऐसा नज़र देख किसी की भी रूह काँप जाएगी.
देर रात तक पुलिस की छानबीन के बाद उन्होंने एक सोनू नामक ड्राईवर को मलबे के नीचे से जिंदा बाहर निकला. जिसको देख लोगों में उम्मीद की एक किरण जग गयी और सभी वहां दुयाएँ मांगने के लिए इक्कठा हो गये.