सेना प्रमुख बिपिन रावत का बयान, डोकलाम में अभी भी मौजूद हैं भारत और चीन के सैनिक
बेलगावी: डोकलाम विवाद के बारे में तो आप अभी तक नहीं भूले होंगे। जी हाँ वही डोकलाम विवाद जहाँ भारत और चीन की सेना कई हप्तों तक एक दुसरे के सामने खड़ी थी। दरअसल चीन डोकलाम में सड़क निर्माण करना चाहता था, जिसका भारतीय सैनिकों ने जमकर विरोध किया। चीन को सड़क बनाने से रोकने के लिए भारतीय सैनिकों ने दोलाम में डेरा जमा लिया। इस दौरान चीन ने भारत को डराने की काफी कोशिशें की।
इस समय बनी है डोकलाम में पूरी तरह शांति:
हालांकि चीन अपने इस मकसद में कामयाब नहीं हो पाया। आख़िरकार चीन को हार माननी ही पड़ी और वह समझौता करने के लिए राजी हो गया। चीन ने अपने सैनकों को वापस बुला लिया। हालांकि चीन के वापस बुलाये जाने पर भी शिनी सैनिक बस कुछ कदम ही पीछे हटे थे। हालांकि अब डोकलाम में पूरी तरह से शांति बनी हुई है। अब वहाँ किसी तरह का कोई विवाद नहीं है।
हमारी सेना से बनाये हुए है निश्चित दूरी:
हाल ही में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि अभी भी डोकलाम में भारत और चीन का सैनिक दस्ता मौजूद है। हालांकि दोनों आमने-सामने नहीं हैं। उन्होंने आगे बताया कि इसी साल अगस्त में इसी शर्त पर गतिरोध ख़त्म हुआ था कि दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने नहीं रहेंगे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अभी भी वहाँ मौजूद है, लेकिन वो लोग हमारी सेना से एक निश्चित दूरी बनाये हुए हैं।
सीमा की निगरानी के लिए किया जायेगा बेहतर उपकरणों का इस्तेमाल:
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने यह सब शुक्रवार को मराठा लाइट इन्फैंट्री की 23वीं और 24वीं बटालियन को सम्मानित करने के बाद पत्रकार वार्ता में कहा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सेना के ऊपर लगाये जा रहे मानवाधिकार के उलंघन के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि जब भी इस तरह की शिकायतें मिली हैं, हमने कड़ी कार्यवाई की है। आगे उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान और चीन से सटी हुई भारतीय सीमा की निगरानी के लिए बेहतर उपकरणों का इस्तेमाल किया जायेगा।