कश्मीर पर चिदंबरम के बयान के बाद गरमाई सियासत, खुद को फंसता देख कांग्रेस ने दी चुप रहने की सलाह
नई दिल्ली: कश्मीर पर कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। तेज होती सियासत को देखकर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बयानबाजी से बचने की सलाह दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस पार्टी चिदंबरम के बयान से खुश नहीं है। अब पार्टी ने कश्मीर पर चिदंबरम को बयानबाजी करने से माना कर रही है। आज मीटिंग से बाहर आने के बाद चिदंबरम ने मीडिया की तमाम कोशिशों के बाद भी बात नहीं की और ना ही किसी सवाल का जवाब दिया।
कश्मीर की स्वायत्तता की माँग को ठहराया जायज़:
आपको बता दें चिदंबरम ने एक कार्यक्रम के दौरान कश्मीर की स्वायत्तता की माँग को जायज बताया था। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों की आजादी कहने का मतलब स्वायत्तता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय स्वायत्तता देने के बारे में सरकार को विचार करना चाहिए। स्वायत्तता देने के बाद भी वो भारत का ही हिस्सा रहेंगे। कश्मीर को लेकर चिदंबरम का बयान गुजरात और हिमांचल प्रदेश में होने वाले चुनाव का बड़ा मुद्दा बन गया है।
गुजरात में हो गयी बीजेपी की जीत पक्की:
अमित शाह ने कहा कि जो लोग कश्मीर की आजदी चाहते हैं उन्हें हिमांचल की जनता वोट नहीं देगी। दूसरी तरफ बीजेपी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि कांग्रेस के इस एक बयान के बाद गुजरात में बीजेपी की जीत पक्की हो गयी है, क्योंकि गुजरती राष्ट्रवादी होते हैं। बीजेपी ने इसे एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया है और कांग्रेस की राजनीति को देश को तोड़ने वाली राजनीति करार दिया है।
ऐसा करके कर रहे हैं सैनिकों का अपमान:
सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, “पी. चिदंबरम का अलगाववादियों और ‘आजादी’ का समर्थन करना हैरान करने वाला है हालांकि मैं आश्चर्यचकित नहीं हूं क्योंकि उनके नेता ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ नारे का समर्थन करते हैं।“ वहीँ जेटली ने कांग्रेस पर अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि चिदंबरम का बयान भारत के राष्ट्रीय हित को ‘‘नुकसान’’ पहुंचाता है जो एक गंभीर मुद्दा है। पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर कहा कि, कांग्रेस के नेता उन लोगों के समर्थन में क्यों बोल रहे हैं जो कश्मीर की आजादी की बात करते हैं। ऐसा करके वे सभी हमारे सैनिकों का अपमान कर रहे हैं।