जर्मनी की खुबसूरत बाला को हुआ यूपी के छोरे से प्रेम, प्रेम को अंजाम तक पहुँचाने छोड़ दिया घर-बार
कहा जाता है कि ईश्वर की बनाई हुई चीजों में से प्रेम एक ऐसी चीज है जो सबसे शक्तिशाली और पवित्र है। एक बार जिसके ऊपर इश्क का भूत सवार हो जाता है उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। प्रेम के बारे में आपने किताबों के कई कहानियाँ पढ़ी होगी या कई फ़िल्में भी देखी होगी। उसमें भी यही दिखाया जाता है कि जब किसी के ऊपर प्रेम का नशा चढ़ जाता है तो उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। उसे बस अपने प्रियतम से मिलने की ही चाहत रहती है।
इस प्रेम कहानी में नहीं है सीमाओं का बंधन:
फिल्मों या किताबों में तो आपने प्रेम की बहुत घटनाएँ देखी होगी, आज हम आपको असल जीवन के प्रेम की एक ऐसी घटना के बारे में बतानें जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आपको यकीन हो जायेगा कि जो भी हमने आपको बताया सब सही था। केवल यही नहीं किताबों में बताई जानें वाली बात भी सही होती है। अक्सर आपनें एक देश में रहने वाले लड़के और लड़की की प्रेम कहानी के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन हम आपको जिस प्रेम कहानी के बारे में बतानें जा रहे हैं उसमें देश की सीमाओं का बंधन नहीं है।
इस जिले में हैं कई और भी विदेशी बहुएँ:
जी हाँ इस समय पक्षिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले में ख़ुशी का माहौल बना हुआ है। यह ख़ुशी का माहौल किसी के चुनाव में विजयी होनें की वजह से नहीं बल्कि एक अजीबो-गरीब शादी की वजह से है। यहाँ के रहनें वाले एक लड़के की शादी विदेश की रहनें वाली एक लड़की के साथ हुई, जिसकी चर्चा इस समय पुरे जिले में की जा रही है। दोनों ने कोर्ट मैरिज के लिए भी अर्जी दे दी है। आपको जानकर काफी हैरानी होगी कि यह इस जिले की पहली विदेशी बहू नहीं है। इस जिले में कई अन्य विदेशी बहुएँ भी हैं।
दोनों की दोस्ती बदल गयी एक दिन प्यार में:
शामली के लिसाढ़ गाँव के रहने वाले अरविन्द कुमार मर्चेंट नेवी में काम करते हैं2 साल पहले वह काम के सिलसिले में जर्मनी गए थे, वहाँ उनकी मुलाकात मारिया हाफमैन से हुई। दोनों की मुकालात कुछ ही दिन में दोस्ती में बदली फिर प्यार में बदल गयी। एक साल पहले अरविन्द ने नौकरी छोड़कर दिल्ली में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला ले लिया। इसी बीच मारिया भी मुबई में आ गयी और दोनों की मुलाकातों का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा। दिवाली के समय लड़की का परिवार गाँव पहुँचा और दिवाली मनाई।
मारिया को पसंद आयी भारत की दिवाली:
दोनों परिवारों ने ख़ुशी-ख़ुशी मिलकर शादी की तारीख तय की और अरविन्द और मरिया 21 अक्टूबर को शादी के पवित्र बंधन में भी बांध गए। हालांकि दोनों की शादी को मान्यता प्राप्त करवानें के लिए कोर्ट से मैरिज सर्टिफिकेट लेने की जरुरत है। शादी रजिस्टर करवानें के लिए कोर्ट में अर्जी दी जा चुकी है। मीडिया से बात करते हुए मारिया ने कहा कि अरविन्द की सादगी से वह काफी प्रभावित हुई थी और शादी करनें का फैसला किया। मारिया ने बताया कि वह भारत में बहुत खुश है और दिवाली का त्यौहार उसे बहुत पसंद आया।