शादियों का बनाना चाहता था रिकॉर्ड, चौदहवीं शादी करने के लिए तेरहवीं पत्नी का किया ये हाल
एक नहीं दो नहीं तीन नहीं, तेरह शादियां… चौदहवीं के लिए तेरहवीं का बेरहमी से हत्या। जी हां सुनकर थोड़ा अजीब लग सकता है। लेकिन सोलह आने सच है, क्योंकि यूपी के रायबरेली में एक युवक ने एक दो नहीं बल्कि तेरह शादियां कीं, चौदहवी शादी की तैयारी कर रहा था लेकिन अपने ही जाल में फंस गया और चौदहवीं शादी करने की बजाय जेल चला गया।
हवस का पुजारी, पत्नी को सिर्फ उपयोग की वस्तु समझने वाला मुस्तकीम को अय्याशी का ऐसा चस्का लगा की वो एक के बाद एक शादियां करने लगा। पेशे से ड्राइवर मुस्तकीम ने अब तक 13 लड़कियों से शादी की और चौदहवीं के साथ करने के लिए दोस्त को ही फंसाने की चाल चल दी लेकिन पुलिस ने उसकी कोशिश नाकाम कर दी और सलाखों के पीछे भेज दिया।
तेरहवीं पत्नी को उतारा मौत के घाट
रायबरेली का मुस्तकीम तेरह शादियां कर चुका था। चौदहवीं से उसकी मुलाकातों का दौर शुरू हो गया था। इसकी जानकारी पाते ही उसकी घरवाली तल्ख हो उठी। चौदहवें निकाह में बाधा बनते देखकर शौहर ने अपनी पत्नी को ही रास्ते से हटा दिया। फिर अपने ही दोस्त को उसकी हत्या के आरोप में फंसाने की नीयत से थाने जा पहुंचा। लेकिन उसको कामयाबी नहीं मिली पुलिसिया पूछताछ में वह सच उगलने लगा। फिर सारी कहानी सामने आ गई। गांव वालों ने पुलिस को जब उसकी कहानी बताई तो लोग चौंक उठे। फुरसतगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत पूरे काले खां मजरे तेंदुआ निवासी मुस्तकीम तीन दिन पहले 5 अक्टूबर को उसे अपनी तेरहवीं पत्नी रेशमा की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया।
गरीब लड़कियों को बनाता था शिकार
लोगों की मानें तो मुस्तकीम की निगाह उन युवतियों पर होती थी, जिनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं होती थी। रेशमा से जब उसने निकाह किया तो उसकी पैंतरेबाजी धरी रह गई। रेशमा अमेठी के पूरे जयङ्क्षसह मजरे उड़वा हेमराज के रहने वाले सत्तार की पुत्री थी। रेशमा को मालूम चला था कि मुस्तकीम के संबंध डीह की एक युवती से हो गए हैं, जिसका वह विरोध करने लगी थी। इसी के चलते मुस्तकीम ने उसे रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया।
पुलिसिया पूछताछ में हैरतअंगेज घटनाक्रम के बारे में पता चला। मुस्तकीम ने रेशमा से तेरहवां निकाह किया था। इससे पहले वह बारह निकाह कर चुका था। सुलतानपुर, प्रतापगढ़ और श्रावस्ती से युवतियों को झांसे में फंसाकर लाता और गुपचुप निकाह कर लेता। जब कोई दूसरी युवती उसके जाल में फंस जाती तो पहली वाली से छुटकारा पा लेता। उस दौरान अगर बच्चे जन्मे तो उनको भी मां के साथ बाहर का रास्ता दिखा देता था।