सेल्फी के शौकीन छात्रों के लिए बुरी खबर, यहां सेल्फी लगाई तो हो सकते हैं रिजेक्ट
सोशल मीडिया में पल पल बदलती सेल्फी का क्रेज जहां युवाओं समेत सभी वर्गों में हावी है। कोई भी फंक्शन हो, जगह हो, लोग सेल्फी लेने का कोई भी मौका नहीं चूकना चाहते। आलम ये है कि कई बार तो युवाओं इसके लिए मुश्किलें भी उठानी पड़ती है। इस एक सेल्फी को चक्कर में कोई जेल जा चुका है।तो किसी ने अपनी जान से हाथ तक धो दिए है, लेकिन आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं, वो इतनी जरुरी सूचना है कि आपके एक सेल्फी के चलते फ्यूचर बिगड़ सकता है।
जी हां बीते काफी समय से देश में होने वाले कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भरे जाने वाले फॉर्म में लोग मनमोहक सेल्फी लगा देते थे। जिससे संबंधित एक्जाम लेने वाले विभाग को सही तस्दीक करने में दिक्कत आती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए आईआईटी की परीक्षा कराने वाली जैम यानी ज्वाइंट एडमीशन टेस्ट फॉर एमसीसी ने फॉर्म में सेल्फी लगाने पर रोक लगा दी है.
पहली बार फोटो के लेकर सख्त निर्देश
आइआइटी में प्रवेश के लिए होने वाली ज्वाइंट एडमिशन टेस्ट फॉर एमएससी (जैम) में शामिल होने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों की जरा सी चूक उनका फार्म रिजेक्ट कर सकती है। इस परीक्षा में पहली बार छात्र की फोटो को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं। जैम के ऑनलाइन आवेदन फार्म में मोबाइल से खिंची अस्पष्ट फोटो व सेल्फी लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 11 फरवरी को होने वाली इस परीक्षा के फार्म दस अक्टूबर तक भरे जाने हैं।
आवेदन फार्म में लगाई जाने वाली फोटो नई होनी चाहिए। वहीं अगर ऐसी फोटो लगाई जाती है, जिसमें छात्र का चेहरा 50 फीसद से कम दिख रहा है तो आवेदन खारिज कर दिया जाएगा। यह गाइडलाइन परीक्षा कराने वाले आइआइटी बांबे ने जारी की है। देश की 15 आइआइटी व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आइआइएससी) बेंगलुरु में एमएससी समेत अन्य पीजी कोर्स, दोहरी डिग्री व पीएचडी में प्रवेश के लिए होने वाले परीक्षा के लिए जारी किए गए ब्रोशर में लिखा है कि सेल्फी वाली फोटो लगाई गई तो उसे अमान्य करार दिया जाएगा।
ऐसी होनी चाहिए फॉर्म में लगने वाली फोटो
जैम ने निर्देश देते हुए कहा है कि फार्म में फोटो पासपोर्ट साइज होनी चाहिए। साथ ही फोटो का बैकग्राउंड सफेद व हल्के रंग का होना चाहिए। काले व दूसरे रंगों के चश्मे के साथ खिंची गई फोटो को भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। आइआइटी कानपुर, बांबे, दिल्ली, मद्रास, गुवाहाटी, खड़गपुर, व रोपड़ के अलावा आइआइएससी बेंगलुरु को इस परीक्षा के लिए क्षेत्रीय कार्यालय बनाया गया है।
देश के नामी संस्थानों में एडमीशन के चक्कर में कई बार लोग संस्थान के पूर्व छात्रों का सहारा लेते है, और अपनी जहग दूसरे को एक्जाम में बैठा देते हैं। जिसके बाद गलत लोगों का एडमीशन हो जाता है। ऐसे में जैम ने मुन्ना भाइयों को एक्जाम में बैठने से रोकने के लिए ये.