अमेरीकी किताबों में हिंदुत्व की नकारात्मक छवि पेश किये जानें से भारतीय-अमेरीकी खफा, जताया अपना विरोध
कैलिफोर्निया: भारत में हिन्दू धर्म बड़े स्तर पर फॉलो किया जाता है। यहाँ हिन्दू धर्म मनानें वालों की संख्या अन्य देशों से ज्यादा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि केवल भारत में ही हिन्दू धर्म को मनानें वाले लोग रहते हैं। अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया में भारतीय और हिन्दू धर्म को माननें वाले बड़ी संख्या में रहते हैं। जहाँ-जहाँ भारतीय बसे हुए हैं, वहाँ पर अपनी संस्कृति का प्रसार भी कर रहे हैं।
सनातन धर्म को बाद में नाम दिया गया हिन्दू धर्म:
यह बात सभी लोग जानते हैं कि भारत पुरे विश्व में अपनी संस्कृति और पम्परा के लिए जाना जाता है। कई लोग भारत सिर्फ यहाँ की संस्कृति और परम्परा के बारे में जाननें के लिए आते हैं। कुछ लोग वापस अपने देश चले जाते हैं तो कई लोग यहीं के होकर रह जाते हैं। हिन्दू धर्म के बारे में कहा जाता है कि यह पुरे विश्व का सबसे पुराना धर्म है, जिसे पहले सनातन धर्म के नाम से जाना जाता था। बाद में इसे हिन्दू धर्म नाम दिया गया।
हर धर्म की तरह हिन्दू धर्म की भी अपनी धार्मिक पुस्तकें हैं। अन्य धर्मों की अपेक्षा हिन्दू धर्म में बहुत ज्यादा धार्मिक पुस्तकें हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस चीज के बारे में आज भी शोध किया जा रहा है, उसके बारे में हमारी धार्मिक पुस्तकों में कई हजार साल पहले ही लिख दिया गया था। यह सभी ज्ञान तब से लेकर अब तक पुस्तकों में संचित करके रखा गया है। पुस्तकें लोगों को ज्ञान देती हैं, लेकिन जब पुस्तकों में गलत जानकारी दी जाती है तो विध्वंस भी हो सकता है।
मिथकों और गलतियों को हटवानें के लिए कर रहा है लम्बे समय से संघर्ष:
हाल ही में कैलिफोर्निया में वहाँ की स्कूल की किताबों में भारत देश और हिंदुत्व की नकारात्मक छवि को पेश किया गया है। इसके बाद भारतीय-अमेरीकियों ने इसका जमकर विरोध किया। विरोध के बाद प्राधिकार ने किताब में सुधार का सुझाव दिया। अमेरिका के एक हिन्दू संगठन भारतीय अमेरीकी समुदाय के स्कूल की किताबों से हिंदुत्व के बारे में कुछ मिथकों और गलतियों को हटवानें के लिए लम्बे समय से संघर्ष कर रहा है। इस बारे में कैलिफोर्निया राज्य का कहना है कि स्कूल की किताबें शिक्षा विभाग द्वारा किये गए मसौदे पर आधारित है।
यह मामला उस समय सबसे सामने आये जब हिन्दू अमेरीकियों, एलजीबीटी और अफ्रीकन अमेरिकन समुदायों ने स्कूली किताबों में उनके समुदाय के बारे में कुछ गलत लिखा था, जिसका उन्होंने विरोध किया। इन संगठनों ने इंस्ट्रक्शनल क्वालिटी कमीशन (आईक्यूसी) के समक्ष सुनवाई के दौरान अपना विरोध दर्ज करवाया। इस संगठन के ऊपर टेक्स्ट बूक स्वीकृति प्रक्रिया आयोजित करनें का जिम्मा है। आपको बता दें आईक्यूसी अपने सुझावों को नवम्बर में राज्य शिक्षा बोर्ड के पास भेजेगा।