टीबी रोग के लक्षणों की इस तरह से करें पहचान और समय रहते करें उसका ऐसे इलाज
आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति किसी ना किसी रोग से पीड़ित है। कोई छोटी बिमारी से परेशान है तो कोई बड़ी बिमारी से। कुछ बीमारियाँ ज्यादा हानिकारक नहीं होती हैं, जबकि कुछ बीमारियाँ ऐसी होती हैं कि जरा भी लापरवाही जानलेवा साबित हो जाती है। बदलते रहन-सहन और खान-पान की वजह से भी कई बीमारियाँ इन्सान को अपने चपेट में ले ले रही हैं। आज के समय में लोगों की बदलती आदतों की वजह से हर 5 में से 3 व्यक्ति किसी ना किसी बड़ी बिमारी का शिकार हैं।
बिमारी की शुरूआती लक्षणों से होते हैं अंजान:
बाकी बचे हुए खांसी-जुकाम जैसे छोटे रोग से पीड़ित हैं। कुछ बीमारियाँ ऐसी भी होती हैं जो इन्सान को अन्दर ही अन्दर से ख़त्म करती रहती है। इन्ही बिमारियों में से एक है टीबी। यह बहुत ही भयानक बिमारी होती है। कुछ लोग इस भयानक बिमारी की चपेट में इसलिए भी आ जाते हैं, क्योंकि वह इसके शुरूआती लक्षणों के बारे में नहीं जान पाते हैं। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखकर थोड़ी सावधानी बरतें तो आप इस रोग से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।
टीबी के लक्षण:
*- हर व्यक्ति को जीवन में कभी ना कभी खांसी की समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर आपको तीन सप्ताह से ज्यादा समय से खांसी आ रही है तो अप बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें।
*- आप पुरे दिन स्वास्थ्य महसूस करते हैं लेकिन जैसे ही शाम होती है आपको बुखार चढ़ जाता है तो यह भी टीबी के लक्षण हो सकते हैं। तुरंत आप डॉक्टर की सलाह लें।
*- अगर आपकी छाती में कई दिनों से दर्द हो रहा हो तो उसे साधारण दर्द समझकर उसे नजरंदाज ना करें। समय रहते डॉक्टर की सलाह लें और टीबी होनें से बचें।
*- आजकल कई लोग वजन कम करनें के लिए जिम का सहारा लेते हैं, लेकिन अगर आपका बिना जिम गए अचानक से वजन कम होनें लगे तो यह खतरे का संकेत हो सकता है।
*- कुछ दिन पहले तक आपको अच्छी-खासी भूख लगा करती थी, लेकिन अचानक से भूख कम लगनें लगे तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें।
*- जब किसी भी व्यक्ति को टीबी की बिमारी होती है तो उसे खांसी के साथ-साथ बलगम भी आता है और बलगम के साथ खून भी निकलता है। जब ऐसा होता है तो फेफड़े में इन्फेक्शन होनें लगता है और सांस लेने में तकलीफ होती है।
इस तरह से करें टीबी से बचाव:
*- जब भी कोई बच्चा पैदा हो तो उसे एक माह के अन्दर ही टीबी से बचाव का टिका लगवाएं।
*- जब भी खांसे या छीकें, उस समय अपने मुंह पर रुमाल जरुर रख लें। इससे यह रोग दूसरों को नहीं लगता है।
*- टीबी के रोगी को किसी सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए, उन्हें एनी लोगों से थोड़ा अलग रखें और उन्हें यहाँ-वहां बेवजह थूकने से मना करें।
*- जब भी टीबी का इलाज करवाना शुरू करें, जब तक रोग पूरी तरह से ठीक न हो जाए इलाज को बीच में ही बंद ना करें। इससे रोग दुबारा होनें की सम्भावना बनी रहती है।
*- टीबी के रोगियों को नशीली चीजों धुम्रपान और शराब के सेवन से बचना चाहिए।