रक्षामंत्री बनते ही निर्मला ने ये कैसा फरमान दे डाला? सेना और बिपिन रावत के भी उड़ गए होश
नई दिल्ली – भारतीय सेना को कई सालों से एक फुल टाइम रक्षा मंत्री की जरुरत थी। मनोहर पार्रिकर के पद छोड़ने के बाद कुछ दिनों तक अरुण जेटली ने यह पद संभाला। अब देश को और भारतीय सेना को निर्मला सीतारमण के रुप में एक नया रक्षामंत्री मिल गई है। मोदी सरकार ने इस बार अपेन मंत्री मंडल में बड़ा फेरबदल करते हुए निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। nirmala sitharaman first decision.
पद संभालते ही पूर्व सैनिकों को दिया तोहफा
निर्मला सीतारमण ने 7 सितम्बर गुरुवार को रक्षामंत्री पद का कार्यभार संभालते ही पूर्व सैनिकों को तोहफा दिया। देश की नई रक्षा ने एक्स-सर्विसमेन फंड (आरएमईडब्ल्यूएफ) सैनिकों और उनके परिवार को वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है। रक्षामंत्री ने यह जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से दी है। उन्होंने कैपशन में लिखा – ‘यह फंड आर्म्ड फोर्सेस के 8685 पूर्व कर्मचारियों के लिए हैं, जिनमें विधवाएं और आश्रित भी शामिल हैं।’
आपको बता दें कि पद संभालते ही निर्मला सीतारमण ने कहा था – ‘मेरी प्राथमिकता सशस्त्र बल को मजबुत करना रहेगा। भारतीय सशस्त्र बलों को आवश्यक बंदोबस्त और उपकरण मुहैया कराकर उन्हें मजबुत करना महत्वपूर्ण है।’ उनके इस फैसले और बयान के बाद इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो देश की रक्षामंत्री के रुप में देश और सेना के लिए अच्छा काम करेंगी।
रक्षामंत्री बनते ही किया एयरबेस का दौरा
सेना के जवानों के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि देश के सैनिक मुश्किल परिस्थितियों में देश की सीमाओं कि रक्षा कर रहे हैं। इसलिए उनका प्रयास सैनिकों और उनके परिवारों का कल्याण सुनिश्चत करना होगा। साथ ही उन्होंने सैनिकों को सर्वोत्तम उपकरण मुहैया कराने की प्राथमिकता के बारे में भी बताया। गुरुवार 7 सितम्बर को रक्षामंत्री का पदभार संभालते ही निर्मला सीतारमण ने एक्शन में आ गई हैं।
उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा क सीएम मनोहर पर्रिकर के साथ पणजी में नविका सागर परिक्रमा अभियान को हरी झंडी दी है। इस दौरान उन्होंने इस अभियान में शामिल महिला क्रू-सदस्यों को सैल्यूट किया। आपको बता दें कि निर्मला सीतारमण 16 साल बाद इस सेंसेटिव एयरबेस पर जाने वाली पहली रक्षामंत्री हैं।