पीओके ने पाकिस्तान से मांगी आज़ादी, मोदी ने कहा था ‘ये कश्मीर भी हमारा है’
नई दिल्ली. सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के “पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भी हमारा है” कहते ही , पीओके में बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और आजादी के नारे लगाए (Anti Pakistan Protest in POK ) .
पिछले कुछ महीने से जिस तरह पीओके में प्रदर्शन हो रहे हैं, इस से पाकिस्तान की कलई खुलती ही नज़र आ रही है. कश्मीर में आए दिन मानवाधिकार का रोना , रोने वाला पाकिस्तान अब पीओके के मौजूदा हालत से फंसता जा रहा है.
पीओके से तस्वीरें आई हैं , वहां रह रहे लोग पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से में हैं, पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. गौरतलब है कि पीओके मैं पीछले कई दिनों से हंगामा चल रहा है.
गिलगिट की आज तस्वीरें आई हैं , कल मुजफ्फराबाद से आई थी तस्वीरें. वहां भी लोग नारे लगे थे. गिलगिट-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान सरकार और पाक पुलिस के अत्याचारों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए और नारेबाजी की. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ५०० से ज्यादा स्थानिय युवकों को हिरासत में लिया था, इस कार्रवाई के बाद लोगों मैं गुस्स फूटा है . प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने ५०० युवकों को इसलिए हिरासत में ले लिया है क्योंकि उन्होंने सेना से गिलगित छोड़ने के लिए कहा था.
कश्मीर की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए एवं इसके समाधान हेतु संसद में शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक की गई थी. इसमें वैठक मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर बहूत बड़ा वार किया, जिस से पाकिस्तान तिलमिला उठा. पीएम मोदी ने ने कहा था ” पाक के कब्जे में जो कश्मीर है वो भी हमारा है”
पीएम मोदी ने कश्मीर समस्या एवं हिंसा के लिए पूरी तरह से पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया और सख्त तेवरों के साथ पाकिस्तान के खिलाफ विश्व पटल पर आक्रामक रव्विया अपनाने के संकेत दे दिए.
पीएम मोदी ने कहा, “आज जब हम जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं, तो हमें जम्मू-कश्मीर राज्य के चार भागों जम्मू, कश्मीर-घाटी, लद्दाख, और पाक-अधिकृत कश्मीर की बात करनी चाहिए”
आप को बता दें की पाकिस्तान के अत्याचार के खिलाफ पीओके में हजार हजार की संख्या में शनिवार को लोगों ने प्रदर्शन किया. गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत में हुए इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग सडकों पर उतर कर अपने गुस्से का इजहार किया और पाकिस्तान से पीओके की आजादी के नारे लगाए.
इसके साथ ही गिलगिट से पाकिस्तानी फौज हटाने की मांग की गई है. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि जिन ५०० युवकों को सुरक्षा बलों ने कैद किया है वे युवक राजनीतिक हक की बात कर रहे थे. इसके साथ ही पाकिस्तानी बलों के खिलाफ नारे लगाए थे. उस क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन ज्यादा हो रहा है जिस खेत्र मैं शिया मुसलमान ज्यादा है जबकि पाकिस्तान में सुन्नी मुसलमानों की संख्या ज्यादा है.
सुत्रों के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान में विरोध प्रदर्शन की वजह पाकिस्तान की शह पर गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में चीन की बढ़ती दखलंदाजी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ये दोनों मुल्क चिन और पाकिस्तान इलाके में मौजूद उनके प्राक्रूतिक संसाधनों का सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
लोगों का मुख्य विरोध चीन-पाकिस्तान के बीच बन रहे आर्थिक गलियारे को लेकर है. लोगों का कहना है चीन और पाकिस्तान ने इस योजना को लेकर जबरन उनकी जमीनें हथिया लीं.
चीनी लोगों की मौजूदगी ने उनके रोजगार भी छीन लिए हैं. और जानकार ये मानते हैं कि चीन-पाकिस्तान के बीच बनने वाले आर्थिक गलियारे का मकसद इलाके में मौजूद संसाधनों का दोहन करना है.
गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके को सन १९४७ में पाकिस्तान ने अवैध रूप से हथिया लिया था. ये तभी से विवादित क्षेत्र हैं और यहां पर लोगों को अब तक बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल सकी हैं.