भेड़ के बच्चे की 1 करोड़ की लगी बोली, फिर भी चरवाहे ने बेचने से कर दिया मना, जनिए क्यों?
अक्सर आपने लोगों के मुंह से यह जरूर सुना होगा कि “दुनिया में सब कुछ बिकता है, बस कीमत देने वाला चाहिए।” इस दुनिया में ऐसी कोई भी चीज नहीं है जो नहीं बिकती। हवा से लेकर पानी तक, सच से लेकर झूठ तक, हर कुछ बिकता है। इसी बीच राजस्थान के चुरू जिले के में एक नायाब भेड़ का बच्चा इन दिनों काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी चर्चा गांव में ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में भी हो रही है।
दरअसल, राजस्थान के जिला चूरू से एक ऐसी हैरतअंगेज खबर सामने आई है, जिसे सुनने के बाद आप भी हैरान रह जाएंगे। राजस्थान के एक चरवाहे को भेड़ के बच्चे को बेचने के बदले 1 करोड़ रुपए मिल रहे थे। लेकिन उसने भेड़ के बच्चे को बेचने से मना कर दिया। जी हां, अमूमन 8 से 10 हजार रुपये में बिकने वाले इस भेड़ के बच्चे की अब तक 1 करोड़ रुपए की बोली लग चुकी थी और ख़ास बात यह है कि इस भेड़ के बच्चे का मालिक चरवाहा फिर भी इसे बेचने के लिए तैयार नहीं हुआ।
भेड़ के बच्चे की लगी थी 1 करोड़ कीमत
मीडिया रिपोर्ट्स के मानें, तो चरवाहे का नाम राजू सिंह बताया जा रहा है। बकरीद से पहले चरवाहे राजू सिंह को भेड़ के बच्चे यानी मेमने के लिए 1 करोड़ रुपए मिल रहे थे लेकिन इसके बावजूद भी उसने इतनी भारी कीमत पर बेचने से मना कर दिया। ऐसा बताया जा रहा है कि इस मेमने के पेट पर 786 संख्या लिखी है, जिसे मुस्लिम समुदाय के लोग शुभ मानते हैं। अगर चरवाहा मेमना बेच देता तो वह करोड़पति बन सकता था परंतु वह मेमना बेचने के लिए तैयार नहीं हुआ।
चरवाहा राजू सिंह ने बताया कि मेमने के पेट पर उर्दू में कुछ लिखा हुआ है, जिसे वह पहले समझ नहीं पाया था कि इस संख्या का क्या मतलब है, जिसके बाद उन्होंने अपने गांव तारानगर के मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों से इस बारे में बात की और उसे पता चला कि यह संख्या बहुत मायने रखती है। भारत में 786 को ‘बिस्मिल्लाह इर-रहमान इर-रहीम’ के जगह इस्तेमाल किया जाता है। जब लोगों को इसके बारे में पता लगा तो कोई इसके 70 लाख देने को तो कोई एक करोड़ रुपए देने को तैयार है।
इस वजह से राजू सिंह ने नहीं बेचा मेमना
आपको बता दें कि राजू सिंह पिछले कई सालों से चारवाहे का काम कर रहे हैं। राजू ने कहा कि इस बच्चे से उन्हें बहुत लगाव है। चरवाहे राजू सिंह बताते हैं उनके यहां करीब एक साल पहले एक मादा भेड़ ने नर भेड़ के बच्चे को जन्म दिया था और आज उसी नर भेड़ के बच्चे की बोली लोगों ने 70 लाख से शुरू की और एक करोड़ रुपए तक लगा दी। बावजूद इसके चरवाहा राजू सिंह इसे बेचने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं इसे नहीं बेचूंगा। राजू ने बताया कि वह सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब मेमने को घर के अंदर ही रख रहे हैं।
बता दें कि मेमने के खान-पान का ख्याल रखा जा रहा है। इसे अनार, बिंदोला, पपीता, बाजरा, मिल्लेट और हरी सब्जियां खिलाई जा रही हैं। फिलहाल, तारानगर ही नहीं बल्कि आस-पास के गांव के लोगों में भी इस मेमने की चर्चाएं हो रही हैं।