शरद पवार इस्तीफा: NCP की उड़ी नींद, राहुल ने घुमाया पवार की बेटी को फोन, शुरू हुए दिल्ली गेम
एनसीपी संस्थापक शरद पवार ने इन दिनों राजनीति की दुनिया में हलचल मचा रखी है। उन्होंने जब से एनसीपी चीफ के पद से इस्तीफा दिया है, तब से राहुल गांधी समेत कई एनसीपी नेताओं की नींद उड़ गई है। हर कोई शरद पवार को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने में लगा हुआ है। लेकिन शरद पवार भी दबंग के सलमान खान बने हुए हैं ‘एक बार जो मैंने कमीटमेंट कर दिया तो फिर मैं खुद की भी नहीं सुनता..’
शरद पवार के इस्तीफे ने उड़ाई एनसीपी की नींद
खैर अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि शरद पवार के बाहर होने के बाद उनकी राजगद्दी कौन संभालेगा? इसमें दो नाम उभर कर सामने आ रहे हैं। एक तो शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले। तो दूसरे उनके भतीजे अजित पवार। मंगलवार को शरद पवार के इस्तीफे के ऐलान के तुरंत बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पवार की बेटी सुप्रिया सुले को फोन घुमाया। वहीं डीएमके चीफ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी सुले से बात की।
शरद पवार जैसे कद्दावर नेता का एनसीपी को छोड़ना महाराष्ट्र के सियासी बवंडर का कारण बन गया। जहां कांग्रेस इस मामले को समेटने में लगी है तो वहीं बीजेपी इस पर बाज की तरह पैनी नजरें गड़ाए हुए है। शरद पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी की बागडोर संभालने की रेस में उनकी बेटी सुप्रिया सुले आगे दिख रही है। वहीं भतीजे अजित पवार ने तो खुद ही अपने आप को रेस से बाहर कर लिया है। एक डर ये भी है कि कहीं उत्तराधिकार के इस युद्ध में एनसीपी का शिवसेना जैसा न हो जाए। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने तो ये तक दावा कर दिया कि एनसीपी अपने अस्तित्व को ही खो सकती है।
राहुल ने लगाया पवार की बेटी को फोन, शुरू हुए दिल्ली वाला गेम
इस बीच महाराष्ट्र के इस सियासी बवंडर में दिल्ली वाला ‘गेम’ भी जारी है। शरद पवार के इस्तीफे के ऐलान के बाद राहुल गांधी और एमके स्टालिन का सुप्रिया सुले को कॉल पहुंच गया। राहुल ने ये जानना चाहा कि आखिर क्यों शरद पवार ने इस्तीफा देने का निर्णय लिया। वहीं उन्होंने पवार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की सलाह दी। दूसरी ओर एमके स्टालिन का कहना है कि एनसीपी जैसी विचारधारा वाली दूसरी पार्टियों की इच्छा है कि शरद पवार कम से कम अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक पार्टी चीफ बने रहें।।
इसके अलावा दोनों नेताओं ने ये कॉल शरद पवार के उत्तराधिकारी चुनने के उद्देश्य से भी किया था। उनकी इच्छा है कि यदि पवार इस्तीफा वापस लेने के लिए राजी नहीं होते तो उनकी बेटी सुप्रिया उनकी राजनीतिक विरासत को संभाले। एनसीपी के ज्यादातर नेता पवार की बेटी सुप्रिया को ही उनकी विरासत संभालते देखना चाहते हैं। इसकी वजह ये है कि सुप्रिया कट्टर बीजेपी विरोधी बताई जाती है। वहीं वे भी अपने पिता के जैसे बीते कई सालों से राजनीति में एक्टिव रही हैं। वह अपने पिता के नक्शे कदमों पर ही चलेंगी। उनकी लीडरशिप में एनसीपी कोई अप्रत्याशित राह पर नहीं चलेगा।
दूसरी ओर अजित पवार के लिए एनसीपी का भरोसा डगमगा रहा है। इसकी एक वजह ये भी है कि अजित पवार एक बार देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना चुके हैं। वहीं बीजेपी के लिए उनके दिल में खास जगह है। बीच में ये भी खबरें उड़ी थी कि अजीत पवार बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। इसके अलावा खुद अजीत भी बोल चुके हैं कि उनकी एनसीपी अध्यक्ष बनने की कोई इच्छा नहीं है।
शिवसेना की भी बड़ी बेचैनी
लोकसभा चुनाव से सिर्फ सालभर पहले शरद पवार का एनसीपी चीफ का पद छोड़ना विपक्षी दल के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। उधर शरद पवार के इस्तीफे से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की बेचैनी भी बढ़ गई है। उनके मुखपत्र सामना में कयास लगाए गए हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति में जल्द एक बड़ा भूकंप आ सकता है। एनसीपी में टूट हो सकती है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक गुट भारतीय जनता पार्टी की दहलीज पर आ गया है। एक आशंका ये भी जताई गई कि पवार ने कहीं इस कारण तो इस्तीफा नहीं दिया कि अजित पवार और उनके ‘गुट’ को अलग भूमिका अपनाने से रोक लिया जाए?
वैसे इस पूरे सियासी ड्रामे पर आपकी क्या राय है हमे कमेंट कर जरूर बताएं।