मां लक्ष्मी हमेशा भगवान विष्णु के चरणों के पास ही क्यों बैठती है? वजह है दिलचस्प
हिंदू धर्म में कई देवी देवताओं का जिक्र देखने को मिलता है। इसमें विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की जोड़ी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। लक्ष्मी और विष्णु एक दूसरे के पूरक होते हैं। लेकिन दोनो के हृदय एक दूसरे से मिले रहते हैं। कहा जाता है कि जिस शख्स को लक्ष्मी और विष्णु दोनो का आशीर्वाद मिल जाता है उसके भाग्य खुल जाते हैं। इसलिए भक्त अक्सर दोनों को एक साथ प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। यह दोनों मिलकर हमारी लाइफ के सभी दुख दर्द खत्म करने की क्षमता रखते हैं।
आखिर क्यों विष्णुजी के चरणों में रहती हैं मां लक्ष्मी?
यदि आप ने नोटिस किया हो तो हर तस्वीर में आपको मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरणों के समीप बैठी नजर आ जाएगी। कभी वह चरणों के पास बैठी रहती हैं तो कभी उनके चरण दबाती है। ऐसे में क्या आप ने पहले कभी सोचा है कि आखिर मां लक्ष्मी हमेशा विष्णुजी के चरणों में ही क्यों विराजित रहती है। आज हम आपको इसके पीछे की असली वजह बताने जा रहे हैं। इसका राज खुद मां लक्ष्मी ने देवर्षि नारद को बताया था।
दरअसल एक बार देवर्षि नारद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के दर्शन करने पहुंचे। यहां उन्होंने देखा कि विष्णुजी निद्रा अवस्था में हैं। ऐसे में उन्होंने उनकी नींद में बाधा उत्पन्न करने की बजाय इंतजार करना उचित समझा। इस दौरान उनकी नजर मां लक्ष्मी पर पड़ी जो विष्णुजी के चरणों के समीप बैठ उनके पैर दबा रही थी। ऐसे में नारद के मन में भी ये विचार आया कि आखिर लक्ष्मी हमेशा विष्णुजी के चरणों में क्यों बैठी रहती है। नारद से रहा नहीं गया और उन्होंने लक्ष्मीजी से इसकी वजह पुछ ली।
इस कारण विष्णुजी के चरण दबाती है मां लक्ष्मी
लक्ष्मीजी ने मुस्कुराते हुए बताया एक स्त्री के हाथ में देव गुरु बृहस्पति का वास होता है। दूसरी ओर पुरुषों के पैर में दैत्य गुरु शुक्राचार्य का वास होता है। ऐसे में जब मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरणों के पास बैठती है तो उसमें शुभता का संचार होता है। यहां का क्षेत्र सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। इसके अलावा इस से धन आगमन भी होता है। यही वजह है कि लक्ष्मीजी विष्णुजी के पास बैठने के साथ साथ उनके चरण भी दबाती हैं।
इस कारण हर शुभ अवसर पर लक्ष्मी और विष्णु दोनो को साथ में पूजा करने का रिवाज है। यदि आप लक्ष्मीजी की कृपा चाहते हैं तो आपको साथ में विष्णु भगवान की भी पूजा पाठ करनी चाहिए। तभी मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होगी और आपको मनचाहा फल देगी। मां लक्ष्मी और विष्णु का यह रिश्ता देखकर ही स्त्रियों द्वारा पुरुषों के चरण दबाने की परंपरा शुरू हुई।
उम्मीद करते हैं कि आपको ये जानकारी पसंद आई होगी। यदि आप भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के सच्चे भक्त हैं तो इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें। इस तरह वह भी इस रोचक जानकारी के बारे में जान पाएंगे। वहीं हर गुरुवार विष्णुजी और शुक्रवार लक्ष्मीजी का पूजन साथ में करें। इससे आपको दोनों की कृपा मिलेगी। मतलब दोगुना लाभ प्राप्त होगा।