सावधान: चाइना से आने वाली इन 7 चीज़ों से होता है कैंसर, तुरंत बंद करें इनका इस्तेमाल!
चाइना से बहुत सारे घातक खाद्य प्रदार्थ जैसे- प्लास्टिक चावल, अंडे, आदि अब तक भारत में निर्यात होते आ रहे थे. लेकिन अभी भी चाइना में उत्पादित होने वाली कुछ चीज़ें ऐसी हैं जो बेहद ज़हरीली होती हैं और इनसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का ख़तरा लगा रहता है. हैरानी की बात यह है कि आपको इनके बारे में पता भी नही होगा. आपके घरों में भी मौजूद हो सकती हैं ये 7 घातक चीज़ें.
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तिलापिया मछली
ये मछलियां चाइना के फार्मों में बड़े पैमाने पर पाली जाती हैं. यह मछली अपनी प्रजाति में सबसे ज़्यादा निकृष्ट और ज़हरीली होती हैं. यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होती हैं. इन मछलियों का उत्पादन छोटे-छोटे पूल्स में किया जाता है. पूल्स में गंदा और अनुपयोगी पानी भरा होता है. इसके ज़हरीलेपन का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां के सी-फूड किसान भी अपने द्वारा उत्पादित सी फूड का सेवन अपने परिवारों को नही करने देते. हम आपको बता दें कि अमेरिका में 80 प्रतिशत तिलापिया मछली चाइना से ही जाती हैं.
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कोड मछली
कोड मछली का भी पालन चाइना में ही होता है. यह मछलियां भी अपने ही अनुपयोगी, गंदे और प्रदूषित पदार्थों में जीवन व्यतीत करती हैं. इनका भी 50 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका को निर्यात होता है.
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चाइनीज़ एप्पल जूस
चाइना से निर्यात होंने वाला जूस भी लगभग 50 प्रतिशत कीटनाशक और हानिकारक तत्वों से भरा होता है. यह मानव शरीर के लिए बेहद ख़तरनाक होता है. इतना ही नही, इस जूस में शर्करा की मात्रा भी बहुत अधिक होती है. अन्य किसी भी प्रोडक्ट पर हानिकारक पदार्थों की उपस्थिति और मात्रा दर्शायी जाती है पर एप्पल जूस के इस पैक पर ऐसा नहीं होता.
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परिष्कृत मशरूम
कोई भी प्रोसेस्ड मशरूम अगर चाइना से है तो एक बार इसकी जांच ठीक से कर लें. गूगल करने पर मिलेगा कि इन पर सिर्फ आर्गेनिक का टैग लगा होता है. बड़ी संख्या में चावल और अंडे की तरह मशरूम भी नकली होते हैं. आगे से ध्यान देकर खरीददारी करें.
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चाइनीज़ लहसुन
चाइनीज़ फूड में लहसुन का बहुत इस्तेमाल होता है. चाइना से जो लहसुन आते हैं वह हानिकारक केमिकल्स से भरे होते हैं. इन लहसुनों को खाने के बाद एक ख़राब सा स्वाद आता है. इसमें पाया जाने वाला कोंकोशन नामक केमिकल बेहद ख़तरनाक होता है.
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काली मिर्च
चाइना से जो काली मिर्च निर्यात होती है वह एक तरह की काली मिट्टी से बनी होती है. इसे काली मिर्च की तरह गोल आकार दे दिया जाता है. यह सेहत के लिए बेहद घातक होता है.
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हरे मटर
चाइना में भारी मात्रा में नकली हरे मटर का उत्पादन किया जाता है. फिर यही नकली मटर बाकी देशों को भेजे जाते हैं. यह हरी मटर स्नोपीस, सोयाबीन आदि से बनाई जाती है. इसे हरा करने के लिए सोडियम मेटाबाईसल्फेट नामक एक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. इसका मकसद रंग के साथ मटर को भी लंबे समय तक सुरक्षित करना होता है. इस रंग से कैंसर के होने का ख़तरा बना रहता है. हम आपको बता दें कि यह मटर उबालने के बाद भी नर्म नहीं होते.