पुलिस की अच्छी खासी जॉब छोड़ पालने लगा बकरियां, समाज ने ताने मार कहा बेवकूफ, आज कमा रहा लाखों
आप लोगों ने वो कहावत तो सुनी होगी “कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है।” लेकिन इस कहावत को समाज के चार लोग लात मारकर फेंक देते हैं। यदि आप खुद का कोई नया या अनोखा काम शुरू करो तो वे आपको ताने मार–मारकर पागल कर देते हैं। तमिलनाडु के तंजावुर जिले के कुरुवादिपत्ती गांव के सतीश की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। उन्होंने अपनी पुलिस की अच्छी खासी नौकरी छोड़ बकरियां पालना शुरू कर दिया। फिर जो उनके जीवन में उथल पुथल हुई उसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं।
पुलिस की जॉब छोड़ पाल ली बकरी
पुलिस बनना सतीश का बचपन का सपना रहा है। साल 2009 में ये सच भी हुआ। वे तमिलनाडु पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए। लेकिन कई सालों की नौकरी के बाद वह बोर हो गए। वह कुछ अलग और अपना करना चाहते थे। फिर उन्होंने बकरियां पालने का सोचा। लेकिन सबसे बड़ी समस्या घर वाले थे। सतीश के मां बाप को ये बात बिलकुल हजम नहीं होती कि उनका बेटा पुलिस की सरकारी नौकरी छोड़ बकरियां पाल रहा है। इसलिए उन्होंने शुरुआत में पेरेंट्स से झूठ बोला कि वह एक लंबी छुट्टी पर आए हैं।
हालांकि उन्होंने अपनी बीवी को सब सच बता दिया। उनकी पत्नी भी पुलिस विभाग में है। पत्नी ने उनके सपने की कद्र की और उनका सपोर्ट किया। बस फिर क्या था सतीश ने मेहनत और लगन से काम स्टार्ट किए। उनके पास तीन एकड़ जमीन थी। इसमें उन्होंने खेती करना और बकरियां पालना शुरू किया। वह दो एकड़ में बकरियों के लिए चारा उगाने लगे और एक एकड़ में चावल की खेती शुरू कर दी। शुरुआत में उनके पा 150 बकरियां थी।
होने लगी हर महीने लाखों की कमाई
सतीश के पास अपनी जरूरी से ज्यादा बकरियों का चारा उगने लगा। ऐसे में वे वे चारा दूसरे बकरी पलकों को बेचने लगे। इससे उनकी अच्छी कमाई होने लगी। शुरुआत में रिश्तेदारों और समाज ने उन्हें पागल कहा। बोला ये बेवकूफ है जो पुलिस की नौकरी छोड़ बकरियां पाल रहा है। लेकिन जल्द सतीश ने अपनी कमाई से सबका मुंह बंद कर दिया। वह महीने के लाख रुपए कमाने लगे। उनकी गिनती तमिलनाडु के सफल पशु पालकों में होने लगी।
सतीश क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानते हैं। वह फल से ज्यादा कर्म करने में यकीन रखते हैं। बकरी पालन, चारा उगाने के अलावा उन्होंने अपना पावर स्मैक नाम से तंजावुर में सबसे बड़ा एक फिटनेस सेंटर भी खोल लिया। इससे उनकी कमाई और भी बढ़ गई। वह रोज सुबह अपने 5 बजे अपने जिम पहुंच जाते हैं। फिर यहां से सीधा अपने खेत जाते हैं और दिनभर वहीं रहते हैं। वह रोज मेहनत और लगन से काम करते हैं। उनका टारगेट है कि 2027 तक वे अपने अभी सपने पूरे कर लेंगे।