पति को बचाने मगरमच्छ से भीड़ गई पत्नी, जान की परवाह किए बिना बचाया अपना सुहाग – Video
पति और पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का रिश्ता होता है। शादी के समय पति अपनी पत्नी की रक्षा करने का वचन देता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी पत्नी से मिलाने जा रहे हैं जो अपने पति को मौत के मुंह से खींच लाई। उसने अपनी जान दाव पर लगाकर पति की जान बचा ली। अपने सुहाग को सही सलामत रखने के लिए वह खूंखार मगरमच्छ तक से भीड़ गई।
पति को बचाने मगरमच्छ से भीड़ गई पत्नी
यह हैरान करने वाला मामला राजस्थान के करौली जिले का है। यहां 11 अप्रैल को केमकच्छ का रहने वाला पशुपालक बनी सिंह मीणा (29) मंडरायल उपखंड से गुजरने वाली चंबल नदी के पास अपनी बकरियां चराने गया था। इस दौरान उसे प्यास लगी तो वह नदी के पास बैठ पानी पीने लगा। लेकिन तभ पानी में से एक मगरमच्छ निकला और उसे पकड़ लिया।
पशुपालक का एक पैर मगरमच्छ के जबड़े में तो दूसरा नदी के पानी में था। ऐसा लगा कि अब उसकी मौत पक्की है। लेकिन तभी उसकी चीख पुकार कुछ दूर खड़ी उसकी पत्नी विमला बाई ने सुन ली। पति को मुसीबत में देख उसने हिम्मत दिखाई और डंडा लेकर मगरमच्छ को मारने दौड़ी। उसने डंडे से मगरमच्छ पर कई प्रहार किए। और आखिर किसी तरह पति को छुड़ा लिया।
महिला की बहादुरी की हो रही तारीफ
जल्द हल्ला गुल्ला सुन बाकी ग्रामीण वहां आए और घायल पशुपालक को मंडरायल सीएचसी में भर्ती कराया। उसके पैर में गंभीर चोटें देख उसे डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर किया। अभी उसका इलाज चल रहा है। वहीं गांववालों का कहना है कि कैमकच्छ घाट पर आए दिन पशु पालक और पशु मगरमच्छों का शिकार बनते रहते हैं।
उधर पति को मौत के मुंह से बाहर लाने वाली विमला बाई की बहादुरी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। हर कोई उनके साहस की प्रशंसा कर रहा है। सोशल मीडिया पर उन्हें सम्मानित करने की मांग उठ रही है। ताकि इन्हें देख बाकी महिलाओं का हौसला भी बढ़े। उधर घायल पशुपालक बनी सिंह ने कहा कि पत्नी ने उसे दूसरा जीवन दिया है।
नहीं लगा मगरमच्छ से डर
पशुपालक बनी सिंह की पत्नी विमला ने इस मामले पर बोला कि मैंने अपना पत्नी बनने का फर्ज निभाया है। यदि पति को बचाने में मेरी जान भी चली जाती तो अफसोस नहीं होता। उन्हें बचाकर मेरा भी दूसरा जन्म हुआ है। वह है तो मैं हूं। विमला ने ये भी बताया कि जब पति मगरमच्छ के मुंह में थे तो उसने बिना कुछ सोचे समझे मगरमच्छ को डंडे से पीटना शुरू कर दिया। उसे तब डर नहीं लगा कि वह मौत से उलझ रही है। अब वह अपने घायल पति के जल्द ठीक होने की कामना कर रही है।