यह हैं 14 लाख करोड़ की कंपनी संभालने वाले सौरभ अग्रवाल, हर महीने मिलती है 2 करोड़ सैलरी
सौरभ अग्रवाल टाटा संस के चीफ फाइनेंशियल अधिकारी यानी सीएफओ (Tata sons CFO Saurabh Agrawal ) हैं। टाटा ग्रुप में सौरभ अग्रवाल की धाक चेयरमैन एन रामचंद्रन (N Ramachandran) के बाद सबसे ज्यादा है। टाटा संस के चीफ फाइनेंशियल अधिकारी सौरभ अग्रवाल को अगर आधुनिक कैपिटल मार्केट का चाणक्य कहा जाए तो इसमें कोई भी गलत नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने जटिल से जटिल कॉरपोरेट डील को पूरा किया है।
वहीं देश के सबसे बड़े विलय को पूरा करने का सारा श्रेय सौरभ अग्रवाल को ही जाता है। सौरभ अग्रवाल ने वोडाफोन और आइडिया जैसी अरबों डॉलर की कंपनी को एक करने में बहुत अहम भूमिका निभाई थी। सौरभ अग्रवाल की जो सैलरी है वह भी इसी मेहनत को दिखाती है। सौरभ अग्रवाल इनवेस्टमेंट बैंकिंग वेटरन हैं।
सौरभ अग्रवाल के पास दो दशकों का अनुभव है। फिलहाल तो वह टाटा संस के सीएफओ यानी चीफ फाइनेंशियल अधिकारी हैं, परंतु टाटा संस में आने से पहले वह आदित्य बिरला ग्रुप में हेड ऑफ कॉरपोरेट स्ट्रेटेजी रह चुके हैं। आदित्य बिरला नुवोको लिमिटेड और ग्रासिम लिमिटेड की रिस्ट्रक्चरिंग करने का सारा श्रेय सौरभ अग्रवाल को ही जाता है। जब साल 2014 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विस का आईपीओ आया था, तो उस दौरान सौरभ अग्रवाल उसके एडवाइजरी रहे थे।
सौरभ अग्रवाल की पढ़ाई
वहीं अगर हम टाटा संस के फाइनेंशियल अधिकारी सौरभ अग्रवाल की शिक्षा के बारे में बात करें, तो उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री आईआईटी रुड़की से हासिल की है। इसके बाद सौरभ अग्रवाल ने एमबीए की पढ़ाई प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट कोलकाता से की है। सौरभ अग्रवाल कैपिटल मार्केट की काफी गहरी समझ रखते हैं। टाटा संस के चेयरमैन भी सौरभ अग्रवाल की इस योग्यता की तारीफ कर चुके हैं।
सौरभ अग्रवाल ने देश का सबसे बड़ा मर्जर कराया
जटिल से जटिल कॉरपोरेट डील को पूरा करने वाले सौरभ अग्रवाल को देश के सबसे बड़े विलय को पूरा करने का भी श्रेय जाता है। उन्होंने अरबों डॉलर की कंपनी वोडाफोन और आइडिया को एक करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। आदित्य बिरला ग्रुप में रहते हुए सौरभ अग्रवाल ने आइडिया और वोडाफोन के बीच मर्जर कराया, यह मर्जर 28 बिलीयन डॉलर का था।
इतना ही नहीं बल्कि सौरभ अग्रवाल की महत्वपूर्ण भूमिका जेपी सीमेंट का अल्ट्राटेक द्वारा अधिग्रहण करने में भी रहा। सौरभ अग्रवाल देश के सबसे सफल निवेश बैंकरों में से एक हैं। वह स्टैंडर्ड चार्टड बैंक की भारत और दक्षिण एशिया इकाई के कॉरपोरेट वित्त प्रमुख रह चुके हैं। इसके अलावा सौरभ अग्रवाल डीएसपी मेरिल लिंच के निवेश बैंकिंग खंड के प्रमुख भी थे।
26 करोड़ है सालाना वेतन
वहीं अगर हम सौरभ अग्रवाल की सैलरी की बात करें तो टाटा संस के सीएफओ के रूप में उन्हें भारी-भरकम सैलरी मिलती है। सौरभ अग्रवाल को साल 2022 में टाटा संस ने सालाना कॉम्पेनसेशन के रूप में 26 करोड़ रुपये दिए थे। अगर इस हिसाब से महीने की सैलरी की बात करें, तो सौरभ अग्रवाल को हर महीने सवा दो करोड़ रुपए वेतन मिलता है।
इसका मतलब यह हुआ कि अगर सौरभ अग्रवाल चाहें तो हर महीने एक मर्सिडीज कार और बंगला खरीद सकते हैं। सौरभ अग्रवाल को साल 2021 में 21.45 करोड़ रुपए मिले थे। इस प्रकार से 2022 में 2021 के मुकाबले 21% ज्यादा अधिक मिले थे।