6 साल के मनु की दास्तां सुन डॉक्टर भावुक, कहा- मुझे कैंसर है माता-पापा को मत बताना, 6 महीने बाद
कहते है कि पहला सुख निरोगी काया. हालांकि इस पहले सुख से आज के समय में बड़े-बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बड़ी मात्रा में बच्चे भी वंचित है. पहले समय और उम्र के साथ कोई इंसान बीमारियों का शिकार हुआ करता था. पहले बहुत कम गंभीर बीमारियां लोगों में पाई जाती थी.
जबकि अब ऐसा देखने को नहीं मिलता है. समय बदला, युग बदला और लोगों के खान-पान, रहने के तरीके भी बदल गए. इस वजह से अब कम उम्र में ही लोग गंभीर से गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चे तक अब कैंसर जैसे गंभीर रोग की चपेट में आ रहे हैं.
छोटे-छोटे मासूम बच्चों को भी कैंसर होने लगा है. ऐसा ही एक ताजा मामला हैदराबाद से सामने आया है. जहां महज 6 साल का मनु कैंसर से जूझ रहा है. इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे मासूम मनु ने अपना इलाज कर रहे डॉक्टर से एक बड़ी गहरी बात कही. बच्चे ने डॉक्टर से कहा कि मुझे कैंसर है यह बात मेरे माता-पिता को मत बताना. जबकि डॉक्टर से उसके माता-पिता ने कहा कि इस बीमारी के बारे में उनके बेटे को न बताया जाए.
डॉक्टर सुधीर कुमार जो कि हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट है उन्होंने हाल ही में अपने ट्विटर एकाउंट से कुछ ट्वीट किए. उन्होंने लिखा कि, ”6 साल के बच्चे ने मुझसे कहा , ”मुझे ग्रेड 4 का कैंसर है और मैं केवल 6 महीने और जीऊंगा, मेरे माता-पिता को इस बारे में मत बताना, डॉक्टर मैंने आईपैड पर बीमारी के बारे में सब कुछ पढ़ा है और मुझे पता है कि मैं केवल 6 महीने और जीवित रहूंगा, लेकिन मैंने अपने माता-पिता को नहीं बताया है, क्योंकि वे परेशान हो जाते, वे मुझे बहुत प्यार करते हैं, कृपया उनके साथ बीमारी की जानकारी साझा न करें”.
आगे डॉक्टर ने बताया कि, बच्चे के माता-पिता ने मुझसे मनु से अकेले में मिलने का अनुरोध किया था. पैरेंट्स ने डॉक्टर से कहा कि, ”मनु बाहर इंतजार कर रहा है, उसे कैंसर है, लेकिन हमने उसके सामने इसका खुलासा नहीं किया है”.
एक अन्य ट्वीट में सुधीर कुमार ने बताया कि, ”मनु के माता-पिता ने मुझसे कहा, कृपया उसे देखें और उपचार के बारे में सलाह दें, लेकिन उससे इसके बारे में जिक्र ना करें, “मैंने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए अपना सिर हिलाया, मनु को व्हीलचेयर पर लाया गया था, वह मुस्करा रहा था, आत्मविश्वास से भरा हुआ और स्मार्ट दिखाई दे रहा था”.
डॉक्टर ने यह भी बताया कि बच्चे और माता-पिता के बीच हुई बातचीत को लेकर वे भावुक हो गए थे. वे यह सोच रहे थे कि जब माता-पिता को यह पता चलेगा कि उनका बेटा मनु सिर्फ छह माह ही जीवित रहेगा तो उन पर क्या बीतेगी