डोकलाम : पीएम ने दिखाया 56 का दम, चीन के पीछे हटने से ऐसे दुनिया में बढ़ा भारत का कद
नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें दुनिया का सबसे बड़ा नेता माना जाता है। डोकलाम जैसे मुद्दे पर चीन को पटखनी देकर पीएम ने एक बार फिर 56 इंच का दम दिखाया है। इसमें कोई संदेह नहीं कि चीन के मुकालबे हम अभी थोड़े पीछे हैं इसके बावजूद वो पीएम कि कूटनीतिक क्षमता ही थी जिसके बदौलत आज चीन को पीछे हटना पड़ा है। Doklam Strongest relations with Asian countries.
डोकलाम विवाद पर थी पूरी दुनिया की नज़र
सिक्किम में डोकलाम को लेकर चीन और भारत के बीच बढ़ते विवाद पर पूरी दुनिया की नज़र थी। यहां तक कि अमेरिका भी दोनों देशों से शांति बनाएं रखने कि अपील कर चुका था। यह विवाद ऐसा था कि अगर ये युद्ध में तबदील होता तो इसे जल्द ही तीसरे विश्व युद्ध में बदलने में देर नहीं लगती। एशिया की दो महाशक्तियों के बीच तनातनी पर पूरी दुनिया की नजरें थीं।
चीन के पीछे हटने एशिया में भारत का दबदबा कायम
डोकलाम के मुद्दे पर चीन के खिलाफ और भूटान के पक्ष में खड़ा होना भारत के लिए काफी फायदेमंद रहा है। दक्षिण और दक्षिणपूर्वी एशिया में भारत की स्थिति काफी मजबूत हुई है। गौरतलब है कि डोकलाम विवाद के बीच ही अमेरिका के टॉप विशेषज्ञ बोनी ग्लेसर ने कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जानते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय हितों के लिए खड़े होने वाले नेता हैं। जिनपिंग को इस बात कि चिंता है।
क्या है डोकलाम विवाद की असल वजह
भारत और चीन के बीच ये विवाद 16 जून को उस वक्त शुरू हुआ था, जब भारतीय सैनिकों ने डोकलाम में चीनी सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। इसपर चीन ने कहा था कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है। चीन डोकलाम को अपने डोंगलांग रीजन का हिस्सा बताता है। चीन के सड़क बनाने से भारत की सुरक्षा को गंभीर खतरा है। इस रोड लिंक से चीन को भारत पर एक बड़ी सैन्य सुविधा हासिल होगी। इसलिए भारत इसका विरोध कर रहा है।