एक शतरंज की बाजी ने कैसे पलट दी इस गांव तस्वीर,जान कर दंग रह जाएंगे आप
शराब का नशा ऐसी बुरी लत है जिससे ना जाने कितने लोग और घर परिवार बर्बाद हो चुके हैं और बर्बाद हो रहे हैं। लोग इससे छुटकारा पाने के लिए दवा इलाज सबका सहारा लेते हैं पर बड़ी मुश्किल से इसके चंगुल से निकल पाते हैं। लेकिन दक्षिण भारत के एक गांव ने एक खेल के सहारे इस बुरी लत को मार दी है। दरअसल शतरंज के खेल ने नशे मे डूबे एक गांव की तस्वीर ही बदल डाली..शतरंज जैसे पेशेवर खेल ने गांव वालों को मन मस्तिष्क पर ऐसा असर डाला कि ये लोग ना सिर्फ नशे को छोड़ने को लिए प्रतिबद्ध हुए बल्कि इन्होनें शतरंज के खेल में गांव के नाम एक रिकॉर्ड भी बना डाला। इस गांव के जीवट्ता की कहानी आज दूर दूर तक फैल रही है …यही कहानी हम आपसे शेयर कर रहे हैं।
पूरा गांव नशे में डूब चुका था
केरल के त्रिशूर जिले के एक छोटे से गांव मराटिचाल नशे में डूबा था। कोई भी बाहरी व्यक्ति शाम को 7 बजे के बाद इस गांव में आने की हिम्मत नही करता था। दरअसल नशे में डूब रहने की वजह से मारपीट और झगड़ा इस गांव में आए दिन होता रहत था। लेकिन एक व्यक्ति के.सी. उन्नीकृष्णन ने इस गांव की इस बुरी आदत को खत्म करने का फैसला किया।
एक व्यक्ति के संकल्प ने पूरे गांव को इस दलदल से निकाला
उन्नीकृष्णन ने बताया कि मैने अपने बचपन में गांव वालों को शराब के नशें में धुत होकर परस्पर लड़ते हुए देखा है। लेकिन मै यह सोचने लगा कि कैसे गांव वालो को इस खराह आदत से छुटकारा दिलाऊं। काफी सोचने के बाद शतरंज खेल के माध्यम से ही इस आदत को खत्म करने का रास्ता मिला। उन्होने कहा कि हालांकि प्रारंभ में तो बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन धीरे धीरे लोग इस खेल से जुड़ते गए। आज यह हालत है कि गांव के हर घर का एक सदस्य शतरंज जरूर खेलता है।
शतरंज में बना गांव के नाम रिकॉर्ड
जहां पहले शाम के समय किसी आदमी का गांव में आना मुश्किल था वहीं अब शाम होते ही लोग एक साथ शतरंज खेलने इकठ्ठा हो जाते है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस गांव ने एक साथ 1000 लोगों द्वारा शतरंज खेलने का रिकॉर्ड भी बनाया है।