जब संजय मिश्रा को अर्थी पर लेटा देख लोग देने लगे थे श्रद्धांजलि, शूटिंग के दौरान हुआ था कुछ ऐसा
बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता संजय मिश्रा अपनी शानदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। संजय मिश्रा अब तक कॉमेडी किरदार से लेकर गंभीर किरदार तक में अपनी एक्टिंग का हुनर दिखा चुके हैं। बता दें, संजय मिश्रा हमेशा ऐसे किरदारों का चुनाव करते हैं जो पर्दे पर एक अमिट छाप छोड़ते हैं।
अब इन दिनों वह अपनी फिल्म ‘वो 3 दिन’ को लेकर सुर्खियों में है जिसमें वह एक रिक्शा चालक की भूमिका निभा रहे हैं। संजय मिश्रा इस फिल्म के प्रमोशन में जुटे हुए हैं और इस प्रमोशन के बीच उन्होंने खास बातचीत की। इसी दौरान संजय मिश्रा ने यह भी बताया कि शूटिंग के दौरान कई लोगों ने उन्हें मृत समझ लिया था।
‘वो 3 दिन’ में ऐसा है संजय मिश्रा का किरदार
बता दें, संजय मिश्रा अब तक अपने करियर में करीब 73 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह कई सारे टेलीविजन शो में भी नजर आ चुके हैं। संजय मिश्रा -2′, ‘भूल भुलैया-2’, ‘बच्चन पांडे’, ’36 फार्म हाउस’, ‘फंस गए रे ओबामा’, ‘मिस टनकपुर हाजिर हो’, ‘प्रेम रतन धन पायो’, ‘मेरठिया गैंगस्टर्स’, ‘दम लगाके हइशा’ जैसी कई फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
हाल ही में हुए इंटरव्यू के दौरान संजय मिश्रा ने फिल्म ‘वो 3 दिन’ में अपने किरदार को लेकर खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि, “हर छोटे शहरों में ऐसे लोग होते हैं, कोई ताला खोलने वाला, चाय वाला, लोहा ठोकने वाला, जिनकी जिंदगी अलग होती है। वो अपने बच्चों को अच्छे कपड़े और बेहतर शिक्षा देने की कोशिश में लगे रहते हैं।”
इंटरव्यू के दौरान जब संजय मिश्रा से पूछा गया कि उनको एक रिक्शावाला देखने के लिए किस तरह का मेकअप करना पड़ा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, “रिक्शा ही उनका सबसे बड़ा मेकअप था। वो रिक्शा पर कई बार सो भी जाते थे। उन्होंने अपने किरदार को नेचुरल दिखाने के लिए वास्तव में रिक्शा वाले का जीवन जीने की कोशिश की। अगर वो कड़ी धूप में न जलते, उन्हें पानी की कमी महसूस न होती तो दर्शक फिल्म को महसूस कैसे कर पाते।”
जब लोगों ने एक्टर को समझ लिया मरा हुआ
वहीं अपने साथ हुई एक घटना को साझा करते हुए संजय मिश्रा ने कहा कि, “जब वह अपनी फिल्म ‘डेथ ऑन ए संडे’ की शूटिंग कर रहे थे। तब उन्हें कई लोगों ने मृत समझ लिया था। दरअसल, उन्हें फिल्म में मरने का सीन करना था और उन्हें वास्तव की अर्थी से लेकर श्मशान तक में लेटना था। शूटिंग के दौरान उन्हें राम नाम सत्य बोलकर ले जाया जाने लगा तो लोग आकर हाथ जोड़ने लगे। इस दौरान कई लोग दंग रह गए थे। वे सोचने लगे थे एक्टर आखिर मर कैसे गए? हालाँकि बाद में लोगों को समझ आया कि, वह एक्टिंग कर रहे थे।