भारत में लगेगा पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र, कम हो जाएंगे लैपटॉप-मोबाइल के दाम, रोजगार भी बढ़ेगा
भारत में एक अच्छा लैपटॉप लेने जाओ तो उसकी किमत करीब एक लाख के आसपास होती है। लेकिन यदि हम आपसे कहें कि कुछ समय बाद यही लैपटॉप आधिक से कम किमत पर मिलेंगे तो? सिर्फ लैपटॉप ही नहीं बल्कि मोबाइल और टैबलेट जैसी चीजों की कीमतें भी गिर जाएगी। ये सारी चीजें अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की अगुवाई वाली डायवर्सिफाइड मेटल कंपनी वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) की बदौलत हो सकेगा।
भारत में लगेगा पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र
दरअसल वेदांता और फॉक्सकॉन (Foxconn) ने हाल ही में गुजरात सरकार संग एक एक एमओयू (Memorandum of Understanding) साइन किया है। इस एमओयू का संबंध भारत में एक सेमीकंडक्टर व डिस्प्ले एफएबी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के निर्माण से है। यह एमओयू जैसे ही साइन हुआ वैसे ही वेदांता के शेयरों में तेजी आ गई। इससे वेदांता लिमिटेड का मार्केट कैप 1,15,233.10 करोड़ रुपये पर चला गया।
गुजरात में भारत का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने में वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसकी वजह से एक लाख लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा। अगले दो साल के भीतर डिस्प्ले एफएबी विनिर्माण इकाई, सेमीकंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग इकाई अपना उत्पादन चालू कर देगी। इसे अहमदाबाद जिले में 1000 एकड़ के एरिया में लगाया जाएगा। इसमें वेदांता-फॉक्सकॉन की 60 और 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी।
कम हो जाएंगे लैपटॉप-मोबाइल के दाम
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मीडिया से कहा कि देश के इस पहले सेमीकंडक्टर संयंत्र से लैपटॉप और टैबलेट की कीमतों में गिरावट आएगी। चिप्स के स्थानीय निर्माण की बदौलत एक लाख रुपए का लैपटॉप 40000 रुपये या उससे भी कम में मिल सकता है। इंडिया की अब अपनी खुद की सिलिकॉन वैली होगी। हम अपनी डिज़िटल ज़रूरतों को पूरा करने के अलावा दूसरे देशों में भी निर्यात करेंगे।
India’s own Silicon Valley is a step closer now. #India will fulfil the digital needs of not just her people, but also those from across the seas. The journey from being a Chip Taker to a Chip Maker has officially begun…Jai Hind! 🇮🇳 (4/4)
— Anil Agarwal (@AnilAgarwal_Ved) September 13, 2022
बताते चलें कि सेमीकंडक्टर या माइक्रोचिप्स डिजिटल उपकरणों का अभिन्न अंग होते हैं। इसका यूज कारों से लेकर मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड तक हर जगह होता है। वर्ष 2021 में भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार 27.2 अरब डॉलर का था। ये वर्ष 2026 तक 64 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है। अभी तक इन आकड़ों में कोई भी चिप भारत में नहीं बनी है। बीते वर्ष सेमीकंडक्टर की वैश्विक कमी के चलते हमे ताइवान और चीन जैसे देशों से आयात पर निर्भर रहना पड़ा। इससे डिजिटल उपकरणों के दामों में वृद्धि भी हुई।
अर्थव्यवस्था और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
लेकिन अब भारत में इनके निर्माण से देश को बहुत लाभ होगा। उधर पीएम मोदी ने भी इस समझौता ज्ञापन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार भी बढ़ेगा। बता दें कि अभी तक भारत सालाना 1.90 लाख करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर दूसरे देशों (ताइवान, चीन जापान) से मंगाता है। लेकिन अब ये सब बदल जाएगा।
This MoU is an important step accelerating India’s semi-conductor manufacturing ambitions. The investment of Rs 1.54 lakh crore will create a significant impact to boost economy and jobs. This will also create a huge ecosystem for ancillary industries and help our MSMEs. https://t.co/nrRbfKoetd
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2022
सिर्फ वेदांता ही नहीं बल्कि दुबई की कंपनी नेक्स्टऑर्बिट और इजराइल की प्रौद्योगिकी कंपनी टॉवर सेमीकंडक्टर के एक संघ ने भी कर्नाटक सरकार संघ मैसूर में एक संयंत्र लगाने के लिए समझौता किया है। दूसरी तरफ सिंगापुर की आईजीएसएस वेंचर ने भी अपनी सेमीकंडक्टर इकाई को तमिलनाडु में लगाने का फैसला किया है।