26 साल की सरकारी टीचर फंदे पर झूल गई, सुसाइड नोट में लिखा- पति ने नहीं समझा, सास-ससुर महान है
मुजफ्फरपुर (बिहार) : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक नेवी जवान की पत्नी ने फांसी का फंदा चूम लिया. मृत महिला का नाम वंदना उर्फ़ गिन्नी है. पहले पुलिस और परिजनों को शक हुआ कि यह हत्या का मामला हो सकता है लेकिन सुसाइड नोट मिलने पर आत्महत्या का मामला सामने आया.
वंदना की उम्र महज 26 साल थी. उसकी हाल ही में शादी हुई थी. वंदना उर्फ़ गिन्नी पेशे से एक शिक्षिका थी. वंदना की आत्महत्या से आस-पास के क्षेत्र में माहौल गमगीन है. वहीं वंदना के ससुराल वालों पर मायके वाले आरोप लगा रहे है कि उसे दहेज़ के लिए प्रताड़ित किया गया है लेकिन सुसाइड नोट मिलने से कई बातों को विराम मिल गया है.
बता दें कि वंदना का पति दिवाकर मिश्रा भारतीय नौसेना में है. वहीं वंदना खुद सरकारी शिक्षिका थी. जमीन-जायदाद के साथ ही शहर में बढ़िया घर था. आखिर इसके बावजूद क्यों महज एक 26 साल की नवविवाहिता ने इस तरह से अपनी जिंदगी खत्म कर ली. उसने अपने दिल के दर्द को चार पन्नों के सुसाइड नोट में उकेरा है. इस मामले में मृतका के पति दिवाकर और ससुर की गिरफ्तारी हुई है.
वंदना ने साफ़-साफ लिखा कि उसका पति उसे बिलकुल नहीं समझता है. उसकी भावनाओं की कद्र नहीं करता है. इसके अलावा और भी कई बातों से आहत होकर वंदना ने हाल ही में फांसी का फंदा चूमकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. वंदना पड़ाव पोखर के न्यू कॉलोनी शंकरपुरी लेन स्थित किराये के घर में रहती थी.
पारिवारिक विवाद में वंदना ने अपनी जान दे दी. किराये के घर में वंदना ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जाते-जाते वो सभी को अपना दुःख दर्द भी बताकर गई. सुसाइड नोट में उसने लिखा कि, मैं आपसे माफी मांग-मांगकर अपनी ही नजरों में गिर गई हूं. आप लोग बहुत अच्छे हैं. मैं ही आप लोगों के साथ रहने लायक नहीं हूं.
सुसाइड नोट के आख़िरी में वंदना ने लिखा कि ‘मेरे पतिदेव, ससुर, सास और ननद सभी बहुत अच्छे लोग हैं. अच्छे नहीं चारों लोग महान हैं. इस परिवार में 5वां कोई भी नहीं आ सकता है. जब दामाद नहीं रह पाया तो बहू कैसे रह पाती. पति देव से सिर्फ इतना कहूंगी कि आपने मुझे बिल्कुल भी नहीं समझा. मैं आपसे बहुत-बहुत प्यार करती हूं. आपके अलावा मैं किसी के बारे में सोच भी नहीं सकती हूं’.
आगे मृतका ने लिखा कि, ‘मैं आपके साथ जीना चाहती हूं. लेकिन बार बार आपसे बिना कोई कारण के माफी मांगते-मांगते अपने ही नजरों में गिरती जा रही हूं. अब मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. क्योंकि आपके बिना मैं नहीं जी सकती. मुझे पता है कि आप भी यही चाहते हैं कि मैं आपके जीवन से चली जाऊं. खुश रहिए आप चारों लोग. भगवान आपको खूब तरक्की दे’.