आधार कार्ड पर सरकार को लगा बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘राइट टू प्राइवेसी’ है मौलिक अधिकार
हर सरकारी काम के लिए आधार की अनिवार्यता सिद्ध करने में लगी केन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है…निजता के अधिकार पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मौलिक अधिकार है। प्रधान न्यायाधीश जे. एस. खेहर की अध्यक्षता वाली 9 सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसले में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए अधिकारों के अंतर्गत प्राकृतिक रूप से निजता का अधिकार संरक्षित है. इसलिए आधार की सूचना लीक नहीं की जा सकती है साथ ही ये भी कहा कि… निजता की सीमा तय करना संभव भी नही है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार(24 अगस्त) को अपना फैसला सुनाते हुए निजता के अधिकार को भारत के संविधान के तहत मौलिक अधिकार घोषित किया..इससे पहले, प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली 9 सदस्यीय संविधान पीठ ने इस सवाल पर 3 सप्ताह के दौरान करीब छह दिन तक सुनवाई की थी कि क्या निजता के अधिकार को संविधान में प्रदत्त एक मौलिक अधिकार माना जा सकता है. यह सुनवाई दो अगस्त को पूरी हुई थी.. सुनवाई के दौरान निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार में शामिल करने के पक्ष और विरोध में दलीलें दी गईं.
ऐसे अदालत पहुंचा था मामला
राइट टू प्राइवेसी का मामला सुप्रीम कोर्ट इसलिए पहुंचा क्योंकि आधार कार्ड की वैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं दायर की गई हैं.. इन याचिकाओं में कहा गया है कि बायोमैट्रिक जानकारी लेना निजता का हनन है। हालांकि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि निजता का अधिकार, मौलिक अधिकार नहीं है। अगर इसे मौलिक अधिकार मान लिया जाएगा तो व्यवस्था नहीं चल पाएगी।
केंद्र का पक्ष
केंद्र सरकार ने इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा था। केंद्र का पक्ष रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि आज का दौर डिजिटल है जिसमें राइट टू प्राइवेसी जैसा कुछ नहीं बचा है। मेहता ने कोर्ट को बताया था कि आम लोगों के डेटा प्रोटेक्शन के लिए कानून बनाने के लिए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में दस लोगों की कमेटी का गठन किया है। कमेटी में UIDAI के सीईओ को भी रखा गया है।
क्या होगा इस फैसले का असर
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के लिए अब सरकारी योजनाओं के लिए आधार जरूरी नहीं है. यह सरकार के लिए बड़ा झटका लगा है. इससे पहले सरकार ने सभी योजनाओं के लिए आधार जरूरी कर दिया था. सभी सिम कार्ड ले लिए आधार जरूरी कर दिया था टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने नए सिम कार्ड के लिए आधार कार्ड जरूरी कर दिया था