IPS बनकर भी खुश नहीं हुई MP की यह बेटी, विदेश की नौकरी ठुकराई, फिर IAS बनी गरिमा अग्रवाल
आईएएस और आईपीएस की परीक्षा देश में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. आईएएस और आईपीएस बनने के लिए किसी को भी UPSC की परीक्षा से गुजरना होता है. हर साल यह परीक्षा आयोजित होती है. लाखों की संख्या में लोग परीक्षा देते है हालांकि कुछ एक का ही चयन हो पाता है.
आज हम आपसे बात करेंगे एक ऐसी लड़की की जिसने अधिकारी बनने के लिए विदेश की नौकरी ठुकरा दी. वो आईपीएस बनी लेकिन वो इतने से ही खुश नहीं थी. मन संतुष्ट नहीं था. क्योंकि वो आईएएस बनना चाहती थी. फिर इसके लिए तैयारी की और आखिरकार बन गई आईएएस. यहां बात हो रही है आईएएस अधिकारी गरिमा अग्रवाल की. गरिमा इन दिनों तेलंगाना में सहायक जिला मजिस्ट्रेट के पद पर कार्य कर रही हैं.
गरिमा अग्रवाल मध्यप्रदेश के खरगोन की रहने वाली है. बता दें कि वे 2019 बैच की आईएएस है. शुरू से ही पढ़ने में गरिमा अव्वल थी. उनके भीतर शुरू से ही कुछ कर गुजरने की चाह थी. 10वीं की परीक्षा में उन्होंने 92 प्रतिशत और 12वीं की परीक्षा में 89 प्रतिशत अंक हासिल किए थे.
10वीं कक्षा में 92 और 12वीं में 89 प्रतिशत अंक किए हासिल
12वीं के बाद गरिमा ने जेईई की परीक्षा दी और उसमें सफल होकर आईआईटी हैदराबाद में दाखिला लिया. उनकी स्कूल की पढ़ाई खरगोन के सरस्वती विद्या मंदिर से पूरी हुई.
विदेश की नौकरी ठुकराई…
आईआईटी हैदराबाद में दाखिला लेने के बाद गरिमा को जर्मनी में इंटर्नशिप मिल गई. वे विदेश में एक अच्छी खासी सैलरी वाली नौकरी कर सकती थी लेकिन वे अपना घर, अपना शहर और अपना देश छोड़कर जाना नहीं चाहती थी. उन्होंने कुछ समय जर्मनी में बिताया और वापस आने के बाद प्रशासनिक अधिकारी बनने में रुचि दिखाई.
जर्मनी से लौटने के बाद उन्होंने यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 240वीं रैंक हासिल कर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया. गरिमा अग्रवाल अब आईपीएस गरिमा अग्रवाल बन गई थी. बात है साल 2017 की.
IPS बनकर चाहे गरिमा खुश थी लेकिन संतुष्ट नहीं थी. क्योंकि वे आईपीएस से भी ऊपर आईएएस बनना चाहती थी. जब आईपीएस बनने के बाद उनका प्रशिक्षण हैदराबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल पुलिस अकादमी में चल रहा था तब ही उन्होंने आईएएस बनने के लिए परीक्षा की तैयारी की. ट्रेनिंग और तैयारी साथ-साथ चल रही थी. आखिरकार साल 2018 में उनकी मेहनत रंग लाई. वे परीक्षा में पास हुई और पूरे देश में 40वीं रैंक प्राप्त कर इतिहास रच दिया. वे इसके बाद साल 2019 की आईएएस बैच की आईएएस बन गई.