इस बॉलीवुड अभिनेत्री के हुस्न के दीवाने थे अमेरिकी सैनिक, जेब में फोटो डालकर जाते थे जंग लड़ने
जब भी बॉलीवुड की क्लासिक ब्यूटी की बात आती है तो दिमाग में सबसे पहले नाम मधुबाला और नर्गिस आते हैं। इन्हें बॉलीवुड की बीते जमाने की सबसे खूबसूरत और ग्लैमरस अभिनेत्री कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक हीरोइन ऐसी भी थी जो मधुबाला और नर्गिस से भी ज्यादा खूबसूरत और ग्लैमरस थी। इस अभिनेत्री को बॉलीवुड की पहली ग्लैमरस हीरोइन भी कहा गया। दरअसल हम यहां जिस अभिनेत्री की बात कर रहे हैं उनका नाम है बेगम पारा (Begum Para)।
वर्ल्ड फेमस थी बेगम पारा की ब्यूटी
बेगम पारा का जन्म 25 दिसंबर 1926 को झेलम पाकिस्तान में हुआ था। उनका असली नाम जुबेदा उल हक था। वे अधिकतर 1940 से लेकर 1950 तक फिल्मों में एक्टिव रहीं। 1951 में उन्होंने एक मैगजीन फोटो शूट करवाकर तहलका मचा दिया था। जेम्स बर्क द्वारा लाइफ मैगजीन के लिए किए गए इस फोटोशूट ने उन्हें वर्ल्ड फेमस बना दिया था। आलम ये था कि अमेरिकी सैनिक उनकी फोटो जेब में रखकर युद्ध लड़ने जाया करते थे।
बेगम पारा के पिता का नाम मियां एहसानुल-हक था। वह पेशे से एक जज थे। इसके अलावा वे अपने जमाने के एक शानदार क्रिकेटर भी थे। वे बीकानेर की रियासत (अब उत्तरी राजस्थान) में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। ऐसे में बेगम पारा का बचपन बीकानेर की गलियों में गुजरा। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की।
ऐसे हुई फिल्मों में एंट्री
बेगम पारा का फिल्मों में आने का किस्सा भी बड़ा इंटरेस्टिंग है। दरअसल उनके बड़े भाई मसरुरुल हक अभिनेता बनने के लिए साल 1930 में मुंबई आ गए थे। यहां वे बंगाली एक्ट्रेस प्रतिमा दासगुप्ता से मिले। जल्द इनकी दोस्ती प्यार में बदली और दोनों ने शादी रचा ली। बेगम पारा अपने भैया भाभी से मिलने अक्सर मुंबई आती जाती रहती थी। उसे अपनी भाभी की ग्लैमर और चकाचौंध से भरी लाइफ स्टाइल बहुत पसंद आती थी।
बेगम पारा कई बार अपनी भाभी के साथ फिल्मों के इवेंट में भी शामिल होती थी। ऐसे में उनकी खूबसूरती देख उन्हें भी फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। उन्हें पहला ऑफर शशधर मुखर्जी और देविका रानी ने दिया। फिर उन्होंने 1944 में चांद फिल्म से अपना एक्टिंग डेब्यू किया। इस फिल्म में प्रेम अदीब उनके हीरो जबकि सितारा देवी विलेन थी। बेगम पारा का फिल्मी करियर कोई खास नहीं चल पाया। इसकी वजह यह थी कि फिल्मों में उनकी एक ग्लैमरस डॉल वाली छवि बन गई थी। इसलिए उन्हें हमेशा फिल्मों में वैसे ही किरदार मिलते रहे और वह अपना असली एक्टिंग का हुनर नहीं दिखा पाई।
दिलीप कुमार से है खास रिश्ता
बेगम पारा ने साल 1958 में दिलीप कुमार के भाई नासिर खान से शादी रचाई थी। हालांकि 1974 में नासिर की मौत हो गई जिसके चलते बेगम पारा 1975 में पाकिस्तान चली गई। लेकिन दो साल बाद वह फिर से भारत लौट कर आई। यहां उन्होंने ‘सोनी महिवाल’, नील कमल, ‘लैला-मजनू और ‘किस्मत का खेल’ जैसी फिल्मों से वापसी की। उन्हें आखिरी बार 2007 में संजय लीला भंसाली की सांवरिया में सोनम कपूर की दादी के किरदार में देखा गया था। इस फिल्म के एक साल बाद यानी 2008 में उनका निधन हो गया।
बेटा भी है अभिनेता
बेगम पारा के कुल तीन बच्चे हैं। इनमें उनका बेटा अयूब खान मां के पद चिन्हों पर चलते हुए एक्टिंग की दुनिया में आया। वह कुछ फिल्मों में काम करने के बाद टीवी इंडस्ट्री का बड़ा एक्टर बन गया।