गणपती बप्पा को घर लाने से पहले जान लें ये 5 नियम, एक भी गलती हुई तो नहीं मिलेगा शुभ फल
हर साल पूरे भारत देश में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार ये पर्व बुधवार 31 अगस्त 2022 को शुरू हो रहा है। इस दौरान घर-घर गणेशजी की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। यहां दस दिनों तक गणेशजी को रखा जाएगा। फिर उनका विसर्जन हो जाएगा।
कहते हैं कि घर पर गणेशजी की स्थापना करना शुभ होता है। इससे हर मनोकामना पूर्ण होती है। दुख दूर होते हैं। लेकिन गणेशजी की स्थापना करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। वरना लाभ की जगह नुकसान हो जाता है। तो चलिए गणेश मूर्ति की स्थापना से जुड़े कुछ नियम जान लेते हैं।
इस दिशा में रखें मूर्ति
घर में गणेशजी की मूर्ति को उत्तर पूर्व यानी ईशाण कोण में स्थापित करना चाहिए। इसके अलावा आप पश्चिम या उत्तर दिशा में भी गणपती बप्पा को विराजित कर सकते हैं। बस दक्षिण दिशा की ओर मुख करते गणेशजी ना रखें। ये अशुभ होता है। यहां गणेशजी को रखने से आपकी पूजा पाठ उन्हें नहीं लगती है। कहते हैं दक्षिण दिशा में सबसे अधिक नेगेटिव ऊर्जा रहती है।
जमीन पर मूर्ति ना रखें
गणेशजी की मूर्ति को कभी भी सीधा जमीन पर नहीं रखना चाहिए। यदि आप किसी लकड़ी के पाठ या बेस का इस्तेमाल कर रहे हैं तो भी वहाँ पहले लाल रंग का कपड़ा जरूर बिछाए। इसके ऊपर ही गणेशजी को विराजित करें। ऐसा करने से गणेशजी जल्दी प्रसन्न होते हैं। उन्हें इस स्थिति में काफी आराम भी मिलता है।
खड़े हुए गणेशजी ना लाएं
आज के मॉडर्न जमाने में कई प्रकार के गणेशजी बाजार में मिल जाते हैं। लेकिन आप मूर्ति खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि गणेशजी बैठे हुए ही हो। खड़े हुए गणेशजी की मूर्ति को कभी भी घर में स्थापित नहीं किया जाता है। बैठे हुए गणेशजी कि मूर्ति ही शुभ होती है।
मूर्ति के का रंग क्या होना चाहिए?
बाजार में कई रंगों के गणेशजी मिल जाते हैं। अब वैसे तो आप किसी भी रंग के गणेशजी खरीद सकते हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सफेद या सिंदूरी रंग के गणपती बप्पा सबसे शुभ होते हैं। इन्हें घर स्थापित करने से ज्यादा अच्छा फल मिलता है।
सूंड पर भी दें ध्यान
यदि गणेशजी की सूंड बाईं ओर हो तो उन्हें वाममुखी गणपति कहा जाता है। वहीं दाईं तरफ सूंड वाले गणपति सिद्धिविनायक कहलाते हैं। बाईं ओर सूंड वाले गणपति मतलब वाममुखी गणेशजी की पूजा पाठ के नियम आसान होते हैं। लेकिन दाईं ओर सूंड वाले गणपति यानि सिद्धिविनायक गणेशजी की पूजा पाठ के बहुत सारे नियम होते हैं। इतने नियमों का पालन मंदिर या धार्मिक स्थल पर ही संभव हो पाता है। इसलिए हमे घर में वाममुखी गणपति (बाईं ओर सूंड वाले गणेशजी) विराजित करना चाहिए।