99 साल बाद लगा पूर्ण सूर्य ग्रहण, जानें कहां-कहां होगा असर और किन बातों का रखें ख्याल
दुनियाभर में आज सूर्यग्रहण को देखने को लेकर जितनी उत्सुकता बनी हुई है, उससे अधिक खौफ भी है, क्योंकि 99 साल बाद पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई देगा । यह ग्रहण यूरोप, उत्तर/पूर्व एशिया, उत्तर/पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका में पश्चिम, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक की ज्यादातर हिस्सों में दिखेगा। हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नही पड़ने वाला है क्योंकि सूर्य ग्रहण भारतीय समय के मुताबिक रात में 9.15 मिनट से शुरू होगा और 22 अगस्त को सुबह 2.34 मिनट पर खत्म होगा और इस समय भारत में रात होने की वजह से यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
सूर्यग्रहण का सूतककाल हुआ शुरू
सूर्य ग्रहण भारतीय समय के मुताबिक रात में 9 बजे से लगने वाला है पर सूर्य ग्रहण का सूतकाल शुरू हो चुका है। मध्यकाल से 12 घंटे पहले सूतक लग जाते हैं। इसका मध्यकाल रात में 11.51 मिनट पर है यानि कि दिन में दोपहर में करीब 12 बजे से सूतक लग चुके हैं। हालांकि लोगों का कहना है कि इस सूर्य ग्रहण और सूतक काल दोनो ही का भारत पर प्रभाव नही पड़ेगा पर कुछ ज्योतिषों का मानना है कि बेशक सूर्य ग्रहण भारत में ना दिखे, लेकिन इसका असर सभी राशियों पर पड़ेगा।
सूर्यग्रहण पर क्या करें और क्या नहीं
शास्त्रों में ग्रहण के संबंध में अनेक कार्यों का वर्णन किया गया है। ऋषियों ने कई कार्यों को वर्जित माना है तो कुछ कार्य ऐसे हैं जो ग्रहणकाल में विशेष सिद्धिदायक होते हैं।
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण के बाद पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर देवता की आराधना करनी चाहिए.
2 स्नान के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है. मान्यता है कि इससे ग्रहण के प्रभाव में कमी आती है. यही कारण है कि सूर्यग्रहण के बाद लोग गंगा, यमुना, गोदावरी आदि नदियों में स्नान के लिए जाते हैं और दान देते हैं.
3 हिन्दू मान्यता के अनुसार, सूर्यग्रहण में ग्रहण शुरु होने से चार प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिये. बूढ़े, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं. यह भी माना जाता है कि ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ना चाहिए. - मान्यता है कि गर्भवती स्त्री को सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए. क्योंकि माना जाता है कि उसके दुष्प्रभा से शिशु को प्रभावित कर सकता है.
- यह मान्यता भी प्रचलित है कि सूर्यग्रहण के समय बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए और दांत भी नहीं साफ करने चाहिए. ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग करना और भोजन करना – ये सब कार्य वर्जित हैं.
सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत को बिल्कुल मना किया जाता है. मान्यता है कि इस दौरान शुरु किया गया काम अच्छा परिणाम नहीं देता है.