आखिर क्यों नहीं उगना चाहिए घर में पीपल का पौधा, जानें
घर के आस-पास पेड़-पौधे होने से सकारात्मक उर्जा का संचार होता रहता है। वास्तु और ज्योतिष दोनों में पेड़-पौधों के शुभ प्रभाव के बारे में बताया गया है। इससे घर में सुख-समृद्धि का समावेश होता है। लेकिन कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं, जो खुद-ब-खुद ही उग जाते हैं। हम नहीं चाहते हैं कि वो पौधे हमारे घर में हों पर वह अपने आप निकल आते हैं। इससे घर में नकारात्मक उर्जा का संचार होता है।
वंशवृद्धि पर पड़ता है नकारात्मक असर:
इन्ही में से एक पौधा है पीपल का। अगर घर में पीपल का पौधा हो तो इससे अशुभता का संचार होता है। ऐसा माना जाता है कि पीपल की छाया से शीतलता मिलती है लेकिन अगर यह पौधा घर में हो तो इससे निर्जनता उत्पन्न होती है। परिवार के सदस्य किसी काम में तरक्की नहीं कर पाते हैं। साथ ही आये दिन परिवार को कई अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। अगर पीपल का पेड़ घर के बाहर भी हो और उसकी छाया घर पर पड़ रही हो तो इससे घर की वंशवृद्धि पर नकारात्मक असर पड़ता है।
इससे व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। आये दिन घर में क्लेश का माहौल बना रहता है। अगर आपके घर में पीपल का पेड़ उग जाए तो उसे काटना नहीं चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घर में उगे पीपल के पेड़ को काटने से पितरों को कष्ट मिलता है और वंशवृद्धि की हानि होती है। अगर पीपल के पेड़ को काटना बहुत जरुरी हो तो उसे केवल रविवार के दिन ही काटा जा सकता है।
रविवार के दिन पीपल काटने से नहीं लगता कोई दोष:
अगर किसी बहुत विशेष कार्य जैसे यज्ञ या पूजन के लिए पीपल काटा जाए तो, उसके काटने पर दोष नहीं लगता है। अगर घर की पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ लगा हुआ हो तो इससे घर में भय और निर्धनता आती है। ऐसे में पीपल का विधिवत पूजन करने के बाद उसे गमले में लगायें और उसे किसी पास के मंदिर में रख आयें। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार पीपल ही एक ऐसा वृक्ष है, जिसमें सभी देवी-देवता निवास करते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण ने दी है स्वयं की उपमा:
इसी वजह से पीपल के पेड़ को ब्रह्म की भी संज्ञा दी गयी है। कुछ लोगों का मानना है कि इसमें ब्रह्म का निवास होता है। पीपल के पेड़ की जड़ में भगवान विष्णु, तने में भगवान शंकर और अग्र भाग में ब्रह्मा जी का निवास होता है। सनातन धर्म में पीपल के पेड़ को देवों के देव की संज्ञा दी गयी है। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने पीपल के पेड़ को अपनी उपमा दी है।