एक ही परिवार के चार भाई-बहन बने IAS-IPS, पिता बोले- गर्व है, भगवान से और क्या मांग सकता हूं
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Service Exam) देश में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. हालांकि आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि इस परीक्षा में सफलता पाकर उत्तर प्रदेश के लालगंज के एक ही परिवार के चार भाई-बहन आईएएस और आईपीएस बन गए. आइए आपको चार भाई बहनों की सफलता की कहानी के बारे में बताते हैं.
सबसे बड़े है योगेश मिश्रा, बन चुके है IAS अधिकारी…
चार भाई-बहनों में सबसे बड़े है योगेश मिश्रा. योगेश मिश्रा IAS अधिकारी बन चुके हैं. लालगंज से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद सिविल सेवा की तैयारी करने लगे. इसी बीच उन्होंने अपना खर्च चलाने के लिए नौकरी भी की. 2013 की UPSC परीक्षा में सफलता हासिल की और IAS बन गए.
फिर क्षमा मिश्रा बनी IPS, चौथे प्रयास में मिली सफलता…
योगेश मिश्रा जहां पहले IAS बने तो फिर वहीं उनकी बहन क्षमा मिश्रा IPS बनी. क्षमा मिश्रा ने एक-दो बार नहीं बल्कि चार बार सिविल सेवा के लिए प्रयास किया. तीन बार वे असफल रही लेकिन अंततः चौथी बार में उन्हें सफलता मिली. क्षमा तेज-तर्रार आईपीएस (IPS) अधिकारी के रुप में पहचाना रखती है.
2014 में फिर माधुरी मिश्रा ने रचा इतिहास, बनी आईएएस अधिकारी…
एक ही परिवार से एक आईएएस और एक IPS मिलने के बाद फिर से मिश्रा परिवार में खुशी की लहर दौड़ी. इस बार परिवार को गौरवान्वित करने का काम किया परिवार की एक और बेटी माधुरी मिश्रा ने. माधुरी ने कॉलेज की पढ़ाई लालगंज के एक कॉलेज से पूरी की.
आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने प्रयागराज का रुख किया. सिविल सेवा की तैयारी की और फिर UPSC की परीक्षा दी. माधुरी के हाथ सफलता लगी और वे 2014 में झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी बन गईं.
फिर लोकेश मिश्रा (जो अब बिहार कैडर में हैं) ने पास की UPSC परीक्षा…
एक ही परिवार के तीन बच्चों द्वारा बड़ी उपलब्धियां हसिल करनी के बाद अब बारी थी लोकेश मिश्रा की. लोकेश मिश्रा, मिश्रा परिवार में बच्चों में सबसे छोटे है. चारों भाई बहनों में उनका स्थान आख़िरी है. साल 2015 में वे भी सिविल सेवा के लिए चुन लिए गए. लोकेश मिश्रा अब बिहार कैडर में हैं. ख़ास बात है कि लोकेश को साल 2015 की UPSC परीक्षा में 44वां स्थान मिला था.
पिता बोले- बेटे और बेटियों की कामयावी पर गर्व है…
वो पिता कितना भाग्यशाली और कितना गर्वित होगा जिसके चार-चार बच्चे आईएएस-आईपीएस बनकर देश की सेवा कर रहे हैं. बच्चों की सफलता पर पिता ने कहा है कि, ”भगवान से मैं और क्या मांग सकता हूं. मुझे बेटे और बेटियों की कामयाबी पर बड़ा गर्व है. मैं आज अपने बच्चों की वजह से अपना सिर ऊंचा रखता हूं”.