रवींद्रनाथ टैगोर संग बहुत गहरा था एक्ट्रेस मीना कुमारी का संबंध, इस वजह से दोनों थे रिश्तेदार
मीना कुमारी (Meena Kumari) गुजरे दौर की मशहूर और बेहद खूबसूरत अदाकारा थीं. उन्होंने कई फिल्मों में दुःखभरी भूमिकाएं अदा की और इस वजह से उन्हें ट्रेजडी क्वीन भी कहा गया. मीना कुमारी का असली नाम महजबीन था. वे मुस्लिम थी लेकिन बॉलीवुड में काम करने के लिए उन्होंने हिंदू नाम रख लिया था.
मीना कुमारी बहुत जल्द ही इस दुनिया से विदा हो गई थी लेकिन अपने छोटे से करियर में ही मीना कुमारी ने दर्शकों के दिलों में जगह बना ली थी. सालों पहले मीना दुनिया छोड़ चुकी है लेकिन वे अपनी फिल्मों और किस्सों के चलते हमेशा याद की जाती रहेगी.
मीना कुमारी हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत अदाकारा में से एक के रुप में जानी जाती हैं. उन्हें लेकर एक बार बॉलीवुड के मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने कहा था कि, ”मीना कुमारी जैसे लोग विरोधाभास (paradoxes) हैं. हम उन्हें समझने की कोशिश करते हैं, हम उनकी सराहना करते हैं, हम उनकी आलोचना करते हैं, हम उन पर दया करते हैं, हम उन पर हंसते हैं, हम उनकी प्रशंसा करते हैं. लेकिन वो विरोधाभासी बने रहते हैं.”
वहीं दिवंगत पत्रकार विनोद मेहता ने उनकी जीवनी में लिखा है कि, “आज के सितारों के विपरीत, उसके कई आयाम थे – वह कविता पढ़ती थी, साहित्य से लगाव रखती थी, उच्च जीवन की आकांक्षा रखती थी और एक शराबी थी. मीना कुमारी के परिवार ने भी उनका शोषण किया और जब उन्होंने कमाल अमरोही से शादी की तो उनके साथ विश्वासघात हुआ”.
बात जब मीना की हो रही है तो आपको एक खास बात बता दें कि मीना का नोबल पुरष्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर से ख़ास रिश्ता रहा है. दरअसल मीना के दादा जदू नंदन टैगोर दर्पण नारायण टैगोर के परपोते और रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) के चचेरे भाई थे.
बता दें कि मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त 1933 को मुंबई के दादर में हुआ था. वे जिस अस्पताल में जन्मी थी उनके पिता उन्हें वहीं छोड़ आए लेकिन बाद में उन्हें घर ले आए. छोटी उम्र में ही मीना ने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. पहले वे बॉलीवुड में बाल कलाकार के रूप में नजर आईं.
बड़ी होने पर भी मीना ने फिल्मों में कमा किया. उनकी सफल फिल्मों में बैजू बावरा (1952), दाएरा (1953), साहिब बीबी और गुलाम (1962) और उनका हंस गीत, पाकीज़ा (1972) जैसी फ़िल्में शामिल है. महज 39 साल की उम्र में मीना कुमारी का 31 मार्च 1972 को मुंबई में निधन हो गया था. वे अपने लाखों चाहने वालों की आंखें नम करके हमेशा-हमेशा के लिए चली गई.