अंबानी से ज्यादा अमीर था ये शख्स, बेटे की वजह से खा रहा है दर-दर की ठोकरें– कहानी रुला देगी आपको
हिन्दी फिल्मों में सिंघानिया नाम आते ही जेहन में करोड़पति आदमी का चेहरा सामने आ जाता है जिसके पास कमाई गई करोड़ों की अकूत संपति दिखाई देती है। ऐसे ही एक रियल लाइफ के सिंघानिया आजकल चर्चा में है। दरअसल दस हजार करोड़ की कंपनी के मालिक रहे विजयपत सिंघानिया आजकल सङकों पर आ गए हैं । ये वहीं सिंघानिया हैं जो कभी करोड़पति लोगों की शान माने जाने वाले कोट सूट बनाने वाले रेमंड ग्रुप के मालिक थे और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन उनके ब्रांड का प्रचार करते नजर आते थे.. लेकिन पूरी देश दुनिया को अपने सूट पैंट पहनाने वाले आज चंद जोड़ी कपड़े से काम चला रहे हैं।
अर्श से फर्श की कहानी :
हुआ ये है कि परिवार के झगड़े के बाद बेटे ने इनको घर से निकाल दिया और उन्हें एक-एक पैसे के लिये मोहताज कर दिया है। रेमंड समूह के मालिक विजयपत सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर अपने बेटे गौतम के नाम कर दिये थें, इन शेयर्स की कीमत 1000 करोड़ रुपये के लगभग बतायी जा रही है लेकिन अब बेटे ने कारोबार को अपने हाँथों में लेकर उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। यहां तक कि सिंघानिया की गाड़ी और ड्राइवर भी छीन लिये गये हैं। हाल ही में सिंघानिया ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जेके हाउस में अपने ड्यूप्लेक्स घर का पजेशन मांगा है।
विजयपत सिंघानिया ने जिस घर के पजेशन के लिए याचिका दायर की है, वह जेके हाउस 1960 में बना था और तब 14 मंजिला था। बाद में इस बिल्डिंग के 4 ड्यूप्लेक्स रेमंड की सब्सिडरी पश्मीना होल्डिंग्स को दे दिये गये़ साल 2007 में कंपनी ने इस बिल्डिंग को फिर से बनवाने का निर्णय लिया। डील के मुताबिक सिंघानिया और गौतम वीनादेवी (सिंघानिया के भाई अजयपत सिंघानिया की विधवा) और उनके बेटों अनंत और अक्षयपत सिंघानिया को 5,185 स्क्वायर फीट का एक-एक ड्यूपलेक्स मिलना था।
इसके लिए उन्हें 9 हजार प्रति वर्ग फीट की कीमत चुकानी थी। अपार्टमेंट में अपने हिस्से के लिए वीनादेवी और अनंत ने पहले से ही एक संयुक्त याचिका दायर की हुई है, वहीं अक्षयपत ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अलग याचिका दायर की है।
रईसी और शान के किस्से
विजयपत सिंघानिया ने कभी अपना रुतबा दिखाने के लिए मुकेश अंबानी से बड़ा जेके हॉउस बनाया था, जिसके बाद वो चर्चा में आ गए थे। इनके रईसी के चर्चे देशदुनिया में विख्यात हैं
- ओमान में कंपनी का पहला विदेशी शोरूम 1990 में खुला था 1996 में देश में एयर चार्टर सर्विस शुरू की।
- स्पोर्ट स्पिरिट रखने वाले विजयपत ने 1988 में लंदन से मुंबई तक अकेले हवाई उड़ान पूरी की।
- पद्म भूषण से सम्मानित विजयपत ने ‘एन एंजल इन ए कॉकपिट’ शीर्षक से किताब भी लिखी।
- 1988 में लंदन से मुंबई तक अकेले उड़ान भरी थी