उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लड़के ने कमाल कर दिया है। बेरोजगारी के आलम के बीच उसने गूगल जैसी बड़ी कंपनी में नौकरी हासिल कर ली है। ये नौकरी भी कोई छोटी-मोटी नहीं बल्कि करोड़ों रुपये की है। उसको हर साल इस जॉब से 1.37 करोड़ रुपये वेतन के रूप में कंपनी की ओर से दिए जाएंगे।
लखनऊ में पढ़ रहे इस युवक को गूगल लंदन ऑफिस में जॉब मिली है। यानि वो अब विदेश में रहेगा और वहीं पैसा भी कमाएगा। हालांकि उसको ये कामयाबी ऐसे ही नहीं मिली। इसके लिए युवक ने काफी संघर्ष भी किया। आइए जानें आखिर उसने इतनी अच्छी नौकरी को पाने में सफलता कैसे हासिल की।
आईईटी लखनऊ का है छात्र
जिस छात्र की कामयाबी की हम बात कर रहे हैं वो लखनऊ में रहकर पढ़ाई कर रहा है। उसने यहां के इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया। इस छात्र का नाम विवेक भारद्वाज है और वो यहां से बीटेक कर रहा है। उसने कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। वो यहां पर फाइनल ईयर का छात्र है।
वैसे तो विवेक रहने वाले लखनऊ के नहीं बल्कि बुलंदशहर के हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए शहर को छोड़कर लखनऊ आने का फैसला किया था। यहां पर उन्होंने आईईटी में एडमिशन ले लिया था। इसके बाद वो जब फाइनल ईयर में पहुंचे तो उन्होंने जॉब के लिए कई जगह अप्लाई करना शुरू कर दिया था।
लंदन गूगल से आया मैसेज, खुल गई किस्मत
विवेक ने बताया कि वो विदेश में रहकर ही नौकरी करना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने कई कंपनियों में आवेदन किया था। एक दिन उनके पास लंदन के गूगल ऑफिस से मैसेज आया। वहां उनका इंटरव्यू होना था जिसके लिए उन्होंने फौरन ही हां बोल दिया। इसके बाद उन्होंने बड़ा इंटरव्यू क्लीयर कर नौकरी हासिल की।
विवेक को इंटरव्यू में 4 राउंड सवाल पूछे गए। 5 लोगों ने बारी-बारी से उनका साक्षात्कार लिया। विवेक से डाटा स्ट्रकचर और एल्गोरिदम से जुड़े कई प्रश्न किए गए। सभी का जवाब उन्होंने दिया। इसके बाद कुछ सामान्य सवाल उनसे पूछे गए। सभी को संतुष्ट करते हुए उन्होंने इस नौकरी को हासिल कर लिया।
अपना स्टार्टअप शुरू करना है सपना
विवेक को 1.37 सालाना पैकेज पर जॉब मिली है। उनको सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर की जिम्मेदारी संभालनी होगी। हालांकि वो कहते हैं कि उनका सपना अपना स्टार्टअप शुरू करने का है। इससे पहले वो गूगल के साथ काम करके कुछ अनुभव भी जुटाना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा सीख लें ताकि भविष्य में उनके काम आए।
विवेक ने नौकरी के लिए कहा है कि ये बस एक पड़ाव है, उनका लक्ष्य बहुत दूर है। छात्र के परिवार की बात करें तो उनकी छोटी बहन हरियाणा से पढ़ाई कर रही है। वहीं उनका छोटा भाई भी है जो बुलंदशहर में रहता है। वो क्लास 10 में पढ़ता है। विवेक ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पिता को दिया है। वो कहते हैं कि पिता ही उनके गुरु हैं।