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अमजद खान के निधन के बाद ऐसी हो गई थी परिवार की हालत, बेटा बोला- हम रोड पर आ जाते

दिवंगत अभिनेता अमजद खान की गिनती हिंदी सिनेमा के दिग्गजों में होती थी. अमजद खान ने अपने फ़िल्मी करियर के दौरान सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह के किरदार अदा किए थे. उन्हें दोनों ही तरह के किरदारों में फैंस ने खूब पसंद किया था. हालांकि उनकी बड़ी और ख़ास पहचान बनकर रह गया फिल्म ‘शोले’ में निभाया गया ‘गब्बर’ का रोल.

amjad khan

साल 1975 में आई हिंदी सिनेमा की सबसे पसंदीदा, चर्चित और सफल फिल्मों में से एक मानी जाने वाली फिल्म ‘शोले’ में अमजद खान ने डाकू गब्बर सिंह का खूंखार रोल निभाया था. इस किरदार को दर्शकों ने काफी पसंद किया था और आज भी अमजद की पहचान ‘गब्बर’ के रूप में ही होती है.

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अमजद खान सालों पहले इस दुनिया को छोड़ चुके हैं. उनके निधन को करीब 30 साल हो गए है. अमजद खान अपनी बेहतरीन अदाकारी के साथ ही अपने बेहतरीन स्वभाव के लिए भी पसंद किए जाते थे. महज 52 साल की अल्प आयु में ही अमजद खान का 27 जुलाई 1992 को मुंबई में निधन हो गया था.

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अमजद खान के निधन से फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा सदमा लगा था और हिंदी सिने जगत ने एक बेहतरीन कलाकार को खो दिया था. अमजद के निधन ने बाद उनके परिवार के पास एक गैंगस्टर का फोन आया था. इस बारे में खुलासा अमजद के बेटे और अभिनेता शादाब खान ने किया है.

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शादाब खान ने बताया है कि, ”मेरे पिता के निधन के लगभग चार महीने बाद, मध्य पूर्व के एक गैंगस्टर ने फोन किया और कहा कि वह मेरी मां से बात करना चाहता है. उसने बताया कि अपुष्ट स्रोतों से उसे पता चला है कि इंडस्ट्री में उनके पति का 1.25 करोड़ रुपए बकाया है. उसने आगे कहा कि वह उसे 3 दिनों में वह राशि देगा क्योंकि उसके पति एक अच्छे आदमी थे. मेरी मां ने यह कहते हुए साफ मना कर दिया कि उनके पति ने कभी अंडरवर्ल्ड से एहसान नहीं लिया”.

shadab khan

शादाब ने यह भी कहा कि, ”मेरे पिता को लोगों की मदद करने और बहुत सारे पैसे देने की आदत थी. निर्माता घर आए और उन्हें अपने घरों की चाबियों का वादा करते हुए उन्हें कहानियां सुनाईं…लेकिन उन्होंने पैसे की परवाह नहीं की. उन्होंने अपना पैसा दोस्तों के पास रखा था, बैंकों के पास नहीं.

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जब उनका निधन हुआ, तो निर्माताओं पर उनका 1 करोड़ 25 लाख का बकाया था लेकिन उस लॉट में से कोई भी भुगतान करने के लिए आगे नहीं आया. कई लोगों ने उनसे कर्ज ले रखा था लेकिन केवल मुट्ठी भर लोगों ने ही पैसे लौटाए. कल्पना कीजिए कि हमने कितना पैसा खो दिया जो हमारा था”.

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