गुडलक, कैसे शनिदेव को कर सकते हैं प्रसन्न और अपने पापों से हो सकते हैं मुक्त!
सप्ताह में कुल सात दिन होते हैं और हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है। सप्ताह के सातो दिन किसी ना किसी हिन्दू देवता को समर्पित हैं। उसी दिन लोग उस देवता की पूजा करते हैं। शनिवार का दिन भी बहुत ख़ास होता है। शनिवार का दिन बजरंगबली और शनिदेव के नाम समर्पित है। इस दिन देश भर के सभी शनि मंदिरों में काफी भीड़ देखी जा सकती है। लोग अपने पापों से मुक्त होने के लिए इस दिन तरह-तरह के उपाय करते हुए दिखाई देते हैं।
भगवान शंकर हैं शनिदेव के गुरु:
आज के दिन श्रावण शनिवार मनाया जायेगा। ज्ञानियों के अनुसार सावन महीने में सोमवार और शनिवार का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। सावन के महीने में देवादिदेव भगवान शंकर और शनिदेव की पूजा का विशेष लाभ होता है। भगवान शंकर को गुरु और शनिदेव को उनका भक्त माना जाता है। सभी नौ ग्रहों में शनिदेव को न्यायधीश का पद दिया गया है। उन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है। शनिदेव लोगों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं।
विधिवत पूजन से हो जायेंगे शनिदेव प्रसन्न:
अक्सर लोग शनिदेव से भय खाते हैं। लेकिन शनिदेव की कुदृष्टि हमेशा पापियों के ऊपर ही पड़ती है। किसी बेगुनाह को शनिदेव भूलकर भी परेशान नहीं करते हैं। शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती इसी का परिणाम होता है। अगर सावन के महीने में पड़ने वाले सभी शनिवार को शनिदेव की विधिवत पूजा की जाए तो यह बहुत ज्यादा प्रसन्न होते हैं। प्रसन्न होने के बाद यह जीवों के सभी कष्टों का नाश कर देते हैं। आशीर्वाद में वह व्यक्ति को सुख-समृद्धि और वैभव प्रदान करते हैं।
शनिदेव पूजन विधि:
शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर तेल का दीपक जलाएं, लोहबान का धूप दिखाएँ, काजल चढ़ाएँ, बरगद का पत्ता चढ़ाएं और अंत में इमरती का भोग लगायें। आपको बता दें शनिदेव को इमरती बहुत ही पसंद है। पूजन के दौरान विशेष मंत्र का 108 बार जाप करें और पूजन समाप्त हो जाने पर इमरती काली गाय को खिला दें।
विशेष मंत्र:
ॐ छायादेवीसुताय नमः॥
विशिष्ट उपाय:
शनिवार के दिन किसी भी पात्र में सरसों का तेल लेकर उसमें अपनी छवि देखें। इसी दौरान आप अपने जीवन के सभी कष्टों की व्याख्या शनिदेव से कर दें। इसके बाद इस पात्र को तेल सहित शनि मंदिर जाकर दान कर दें। आपके जीवन के सभी कष्ट कुछ ही समय में ख़त्म हो जायेंगे।
शुभ मुहूर्त:
शाम 6 से शाम 7 तक।
अभिजीत मुहूर्त:
दिन 12:00 से 12:53 तक।
अमृत काल:
शाम 18:17 से रात 20:03 तक।
यात्रा महूर्त:
दिशाशूल – पूर्व, नक्षत्र शूल – नहीं, राहुकाल वास – पूर्व। अतः आज पूर्व दिशा की यात्रा टालें।
शुभ रंग:
काला।
शुभ दिशा:
पश्चिम।
शुभ समय:
रात 20:51 से रात 21:06 तक।
शुभ मंत्र:
ॐ शनैश्चराय नमः॥
शुभ उपाय:
शनिवार के दिन अपने दुर्भाग्य से मुक्ति पाने के लिए 1 मुट्ठी उड़द अपने सिर से वार कर किसी काली गाय को खिला दें।
एनिवर्सरी के लिए शुभ:
अगर परिवार की सुख-शांति छीन गयी है तो दंपति किसी काली गाय को पालक खिलाएं इससे सभी परिवारिक कष्ट जल्दी ही दूर हो जायेंगे।
जन्मदिन के लिए शुभ:
शनिवार के दिन शनिदेव के ऊपर बादाम चढ़ाने से व्यवसाय में खूब सफलता मिलेगी।