खतरे में आई ठाकरे सरकार! कांग्रेस के 25 विधायक हुए बागी, सोनिया गांधी से मिलने की तैयारी
महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी संकट गहरा गया है। उद्धव ठाकरे राज्य के सीएम हैं और दो अन्य दलों के समर्थन से सरकार चला रहे हैं। कांग्रेस और एनसीपी ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना को समर्थन दिया हुआ है। हालांकि एक बार फिर खिचड़ी सरकार खतरे मेें आती दिख रही है।
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि कांग्रेस के 25 विधायकों ने एक बार फिर बागी तेवर अपना लिए हैं। इन विधायकों ने महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार के खिलाफ बागी तेवर अपना लिए हैं। इन विधायकों ने अब पार्टी अध्यक्ष से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग कर डाली है। इन विधायकों ने सोनिया गांधी से मिलने की तैयारी भी कर ली है।
मंत्री नहीं सुन रहे हैं बात
कांग्रेस के इन 25 विधायकों ने बगावती तेवर ऐसे ही नहीं अपना लिए हैं। इनका आरोप है कि महा विकास अघाड़ी सरकार में इनको भाव नहीं दिया जा रहा है। इन विधायकों का कहना है कि सरकार में उनकी बात सुनने वाला ही कोई नहीं है। इतना ही नहीं इन लोगों को कहना है कि सरकार में कांग्रेस के मंत्री तक इनकी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं।
विधायकों ने अपना पक्ष रखा है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े कामों की अनदेखी हो रही है। अगर वो अपने क्षेत्र में अच्छा काम नहीं कर पाएंगे तो अगली बार कैसे वो यहां से चुनाव जीत पाएंगे। इसी बात को लेकर ये बागी विधायक सोनिया गांधी से मिलना चाह रहे हैं। ये लोग चाहते हैं कि सोनिया गांधी सब ठीक करें। इसके लिए विधायकों ने सोनिया को पत्र भी लिखा है।
कांग्रेस विधायकों ने एनसीपी की तारीफ की है। उनका कहना है कि एनसीपी के मंत्री उनके विधायकों पर पूरा ध्यान देते हैं। डिप्टी सीएम अजीत पवार अपने विधायकों से मिलते रहते हैं। वो उनको क्षेत्र के लिए धन भी देते हैं और उनकी समस्याएं भी सुनते हैं। इसी वजह से एनसीपी कांग्रेस से आगे निकल गई है।
सरकार चलाना बना चुनौती
महाराष्ट्र में भारतीय जनता और शिवसेना के बीच सीएम पद को लेकर तकरार हो गई थी। इसके बाद शिवसेना ने अपनी राहें अलग कर ली थीं। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिला लिया था। उनके इस फैसले ने सबको चौंका कर रख दिया था। इसकी वजह तीनों ही दलों की विचारधारा है जो एक-दूसरे के एकदम विपरीत है। इसके बाद भी सरकार जैसे तैसे चल रही है।
हालांकि उद्धव ठाकरे के लिए ये खिचड़ी सरकार चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसकी वजह बार-बार तीनों दलों के नेताओं और मंत्रियों के बीच टकराव होना है। वहीं बीजेपी भी आए-दिन कोई न कोई मुद्दे उठाकर सरकार को घेरने का प्रयास करती रहती है। इसी वजह से सियासी पंडित इस सरकार का भविष्य ज्यादा नहीं बताते हैं। हालांकि सरकार फिलहाल तो चल रही है।