दुनिया से इस गंभीर बीमारी को छिपाती रहती थी ‘संतोषी मां’ की हीरोइन, हुआ था बेहद दर्दनाक अंत
बॉलीवुड में भले ही बॉहुबली से लेकर कश्मीर फाइल्स और आरआरआर जैसी फिल्मों ने बहुत अच्छा बिजनेस किया हो। फिर भी भारतीय मानस के मन में जो जगह फिल्म ‘संतोषी मां’ की थी, वो जगह आज तक कोई फिल्म नहीं बना सकी। इस फिल्म को लेकर भारतीय लोगों में दीवानगी हो गई थी।
साल 1975 में रिलीज हुई इस फिल्म को देखने के लिए गरीब से अमीर तक लोगों का मेला सा लगे रहता था। इस फिल्म की कामयाबी की एक वजह आस्था थी जो लोगों को भा गई थी। वहीं ‘संतोषी मां’ की हीरोइन के भी लोग फैन हो गए थे। कम ही लोगों को पता होगा कि इस फिल्म की हीरोइन को गंभीर बीमारी हो गई थी और उनका अंत भी बेहद दर्दनाक हुआ।
अनीता गुहा बनी थीं ‘संतोषी मां’
इस फिल्म की सफलता की बात करें तो उस समय जैसा क्रेज इस फिल्म का दिखा था, वैसा किसी भी मूवी का नहीं दिखा। सिर्फ 12 लाख में बनी इस फिल्म ने करीब 25 करोड़ रुपये का कारोबार किया था जो चौंकाने वाला आंकड़ा था। हालांकि मूवी भले ही सफल रही हो लेकिन इस फिल्म में ‘संतोषी मां’ बनी अनीता गुहा का जीवन दुखों से भरा हुआ था।
अनीता गुहा की एक्टिंग के दम पर संतोषी मां फिल्म हिट हो गई थी। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत तांगावाली मूवी से 1950 में की थी। उनको गूंज उठी शहनाई फिल्म के लिए साल 1959 में फिल्म फेयर अवॉर्ड के लिए भी नॉमिनेट किया गया था। अनीता को पौराणिक फिल्मों में रोल ऑफर हुआ करते थे।
आशीर्वाद लेने आते थे लोग
वो तीन बार सीता मां का किरदार निभा चुकी थी। कम ही लोग जानते होंगे कि असल जीवन में भी लोग उनको देवी समझते थे। उन्होंने एक साक्षात्कार में खुद इस सच को बताया था। अनीता ने कहा था कि संतोषी मां मूवी करने के बाद कुछ लोग उनके पास आते थे। वो एक बार हाथ सिर पर रखकर आशीर्वाद देने के लिए कहते थे।
उनका क्रेज इससे ही समझा जा सकता है कि उनको लोग देवी समझा करते थे। उनकी पूजा करने लगते थे और अपने दुख दूर करने के लिए उनसे गुहार लगाया करते थे। कई बार तो अनीता को समझ ही नहीं आता था कि वो अपने इन फैन्स को कैसे समझाएं।
हो गई थी ये गंभीर बीमारी
लोग भले ही अनीता को देवी समझकर अपना दुखा दूर करवाने आते हों लेकिन असल में वो खुद अपना जीवन दुख में बिताने को मजबूर थीं। अनीता कभी अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर थीं। हालांकि बाद में उनको सफेद दाग की गंभीर बीमारी हो गई थी। इन दागों को दुनिया से छिपाने के लिए वो भारी मेकअप किया करती थीं।
उन्होंने घर से निकलना भी बहुत कम कर दिया था। वहीं शादी के बाद भी वो सुखी नहीं रहीं। उन्होंने माणिक दत्ता से शादी की थी लेकिन उनकी कोई औलाद ही नहीं हुई। वहीं पति का भी अचानक निधन हो गया। जिसके बाद वो टूट गई थीं। फिर गुमनाम जिंदगी जीकर साल 2007 में उनको भी दिल का दौरा पड़ गया। 68 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।