आपभी चाहते हैं कि लक्ष्मीनारायण आपके घर को बनायें अपना घर तो शनि के गुरु को इस तरह करें प्रसन्न
चाहे कोई भी व्यक्ति हो उसे जीवन में धन-दौलत की जरुरत पड़ती ही है। आज के समय में बिना पैसे के ओई काम संभव नहीं है। सीधे तौर पर कहा जाये तो आज का युग पैसे का युग है। आज के समय में लोगों को इज्जत उनके कर्म के आधार पर नहीं बल्कि उनकी दहन-दौलत के आधार पर दी जाती है। अगर आप धनी हैं तो आपकी इज्जत करने वाले हजारों लोग होंगे, लेकिन अगर आप गरीब हैं तो आपको कोई पूछता भी नहीं है। ऐसे में धन का होना बहुत ही जरुरी हो जाता है।
शिवालय जाकर शहद और दूध करें अर्पित:
जिन लोगों को जीवन में धन को लेकर काफी परेशानियाँ उठानी पड़ती हैं और काफी मेहनत के बाद भी व्यापार में कोई लाभ नहीं हो रहा है, उनलोगों को शनिदेव के गुरु भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत ही जरुरी है। भगवान शिव का पवन महिना सावन अपने अंतिम छोर पर है। भगवान शिव को शहद अत्यंत ही प्रिय है। शनिवार के दिन किसी भी शिवालय में जाकर शिवलिंग पर दूध में शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
पीतल के लोटे से करें भगवान शिव का अभिषेक:
भगवान शिव के अभिषेक में शहद का प्रयोग करने से छप्पड़ फाड़कर धन की वर्षा होने लगती है। कर्जों से मुक्ति मिलती है और व्यापार भी दिन-दूनी रात चौगुनी वृद्धि करने लगता है। छात्रों को विद्या में उन्नति प्राप्त होती है। जब भगवान शिव का अभिषेक करने जाएँ तो इस बात का ध्यान रखें कि उनका अभिषेक पीतल के लोटे से ही करें। पीतल के लोटे में पानी शहद और दूध मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। भगवान को भोग के लिए केला अर्पित करके तारकेश्वर शिव मन्त्र का जाप करें।
मंत्र:
ॐ स्त्रोँ तारकेश्वर रुद्राय ममः दारिद्रय नाशय नाशय फट।।
ग्रहदोषों से भी मिलती है मुक्ति:
इस उपाय को करने के बाद निश्चित रूप से आपके घर लक्ष्मीनारायण का वास होने लगेगा। जीवन में आपको कभी भी आर्थिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। सभी आर्थिक समस्याएँ समाप्त हो जायेंगी। जो व्यक्ति धर्म के मार्ग पर चलता है परमेश्वर उसे संसार के भवसागर से भी पार करा देते हैं। उड़द की दाल चढ़ाने से ग्रहदोषों से मुक्ति मिलती है, खासतौर पर शनि पीड़ा शांत हो जाती है।
सफलताएँ अचानक से बदल जाती है असफलता में:
ज्योतिषशास्त्र कहता है कि जब आपके पितृगण नाराज होते हैं तो आपके जीवन की सफलताएं अचानक से असफलता में बदल जाती हैं। जब पितृगण नाराज होते हैं तो व्यक्ति को संतान सुख से भी वंचित रहना पड़ता है। पितृगण को खुश करने के लिए शनिवार के दिन पीपल की जल में दूध चढ़ाएँ और पीपल के पेड़ के निचे तिल के तेल का दीपक जलाएं।