योगी की नई टीम: आधे से अधिक नये चेहरों को मौका, 3 कद्दावर मंत्रियों का पत्ता कटना तय
यूपी चुनाव एक बार फिर बहुमत से जीतकर भारतीय जनता पार्टी पूरे जोश में नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी से कड़ी टक्कर लेने के बाद भी योगी सरकार ने दमदार वापसी कर ली है। योगी विधायक दल के नेता चुने जाने की औपचारिकता के बाद राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
योगी आदित्यनाथ की सरकार इस बार पुरानी गलतियों को दोहराने के मूड में नहीं है। दो साल बाद ही लोकसभा चुनाव हैं और योगी इस बार कोई कमी छोड़ना नहीं चाहते हैं। इसी वजह से उनकी नई टीम भी खास होने वाली है। आधे से ज्यादा नये चेहरों को मौका देने की तैयारी है। वहीं 3 कद्दावर मंत्रियों का पत्ता कटना भी तय हो गया है।
25 को होगा शपथ ग्रहण
योगी आदित्यनाथ एक बार फिर यूपी के सीएम बनने जा रहे हैं। इस बार उनका शपथ ग्रहण पहले से भी भव्य बनाने की तैयारी हो रही है। अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में समारोह का आयोजन होना है। यहां 25 मार्च को शाम 4 बजे के करीब शपथ ग्रहण होगा। इस समारोह में पीएम मोदी, अमित शाह से लेकर राजनाथ सिंह समेत तमाम दिग्गज शामिल होंगे।
समारोह में शामिल होने के लिए लिस्ट फाइनल हो चुकी है। दूसरी ओर भाजपा नेतृत्व ने यूपी की नई योगी सरकार की रूपरेखा बना ली है। सरकार में शामिल होने वाले मंत्रियों की लिस्ट पर योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नेतृत्व की चर्चा भी हो चुकी है। इस बार टीम योगी को बेहद खास बनाने की तैयारी है।
नये चेहरे दिखेंगे, 3 मंत्रियों का कटेगा पत्ता!
पार्टी सूत्रों का कहना है कि योगी की टीम में डिप्टी सीएम पद बढ़ने की कोई संभावना नहीं है। वहीं टीम को खास बनाने के लिए पुराने नहीं बल्कि नये चेहरों को शामिल किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि करीब आधे से ज्यादा चेहरे नये होंगे। वहीं तीन कद्दावर मंत्रियों का पत्ता काटने की तैयारी भी हो चुकी है।
इन तीन कैबिनेट मंत्रियों का पत्ता पिछली सरकार में अच्छा काम न कर पाने और विवादों में आने की वजह से कट सकता है। पीएम मोदी ने इस बार पढ़े-लिखे नेताओं को टीम में ज्यादा मौका देने के निर्देश दिए हैं। लिस्ट में फिलहाल 47 नेताओं के नाम हैं और कुछ नाम को सेंटर से जोड़ा भी जा सकता है।
विधासनभा अध्यक्ष के लिए तीन नाम
टीम योगी को तैयार करने के लिए जातीय और क्षेत्रीय संतुलन भी देखा जाएगा। वहीं बीजेपी के सहयोगी दलों अपना दल(एस) और निषाद पार्टी के विधायकों को भी संतुष्ट करना होगा। गृहमंत्री अमित शाह के साथ होने वाली बैठक में विधायकों और उनके मंत्रालय को लेकर भी मंथन हो सकता है। इसमें सहयोगी दलों के विधायक भी शामिल हो सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष की बात करें तो इसके लिए तीन नाम सबसे ऊपर हैं। इनमें सूर्य प्रताप शादी, उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकीं बेबी रानी मौर्य और सुरेश खन्ना के नाम शामिल हैं। बेनी रानी मौर्या चूंकि राज्यपाल रह चुकी हैं। ऐसे में उनको मंत्री पद न देकर विस अध्यक्ष का पद संवैधानिक पद देना ही ठीक रहेगा।