यूपी चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित हो चुके हैं। इसके साथ ही भाजपा ने फिर से सत्ता में वापसी कर ली है। पार्टी का प्रदर्शन पहले की अपेक्षा कुछ कमजोर जरूर रहा है लेकिन फिर भी स्पष्ट बहुमत से बीजेपी सत्ता में लौटी है। जल्द ही नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
दिल्ली में नए मंत्रिमंडल के लिए चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। किस विधायक को कौन सी जिम्मेदारी सौंपी जाए, इस बात पर मंथन हो रहा है। वहीं दूसरी ओर सीएम के रूप में तो योगी आदित्यनाथ का नाम तय है लेकिन इस बार नंबर 2 की कुर्सी किसको मिलेगी, ये अब तक फाइनल नहीं हो सका है। हालांकि इस रेस में तीन नेता सबसे आगे चल रहे हैं।
केशव प्रसाद मौर्य की पोजिशन हुई कमजोर
भारतीय जनता पार्टी ने सीएम और डिप्टी सीएम दोनों को चुनावी मैदान में उतारा था। योगी आदित्यनाथ ने तो गोरखपुर की सीट बड़े मतों से जीत ली लेकिन केशव प्रसाद मौर्य कमजोर साबित हुए। उनकी सिराथू सीट को अपना दल कमेरावादी की पल्लवी ले उड़ीं। इसके बाद से ही डिप्टी सीएम रहे केशव मौर्य की पोजिशन कमजोर हो गई है। उनके योगी से मतभेद भी किसी से छिपे हुए नहीं हैं।
वहीं इस बार दोनों ही डिप्टी सीएम को बदलने की चर्चा भी तेज हो गई है। केशव मौर्य ही नहीं बल्कि दूसरे डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा भी इस बार हटाए जा सकते हैं। उनको पार्टी कोई दूसरी जिम्मेदारी दे सकती है। ऐसे में योगी के बाद नंबर 2 की पोजिशन किसकी होगी, ये समझना बड़ी बात है। वैसे अब तक किसी का भी नाम फाइनल नहीं किया गया है।
ये तीन नाम रेस में सबसे आगे
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नंबर 2 की जगह किसको मिलेगी, ये तो पार्टी सोच ही रही है। इसके बाद भी तीन नाम रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। पहला नाम अरविंद शर्मा का है जिनको पीएम मोदी का काफी करीबी माना जाता है। नौकरशाह से राजनीति में आए अरविंद शर्मा को यूपी भेजा गया था। यहां उनको विधान परिषद में लाया गया।
इसके बाद उनके नाम की चर्चा सीएम पद के लिए हो रही थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका। उनका नाम अब डिप्टी सीएम की रेस में सबसे आगे है।
दूसरे नेता स्वतंत्र देव सिंह हैं जो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। चर्चा के मुताबिक दिनेश शर्मा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है ताकि ब्राह्मणों को साधा जा सके। वहीं स्वतंत्र देव को डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है।
तीसरा नाम बेबीरानी मौर्या का है जो राज्यपाल रह चुकी हैं। डिप्टी सीएम की रेस में ये भी बहुत आगे चल रही हैं।
लोकसभा चुनाव को लेकर होगा फैसला
डिप्टी सीएम का फैसला जातियों को साधने के हिसाब से लिया जाएगा। बेबीरानी मौर्य हों या अरविंद शर्मा या फिर स्वतंत्र देव सिंह, सभी के सहारे जातीय समीकरण फिट करने की कोशिश होगी। वहीं दिनेश शर्मा को भी लोकसभा चुनाव में ब्राह्मणों को बैलेंस करने के लिए पार्टी अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। जल्द ही पार्टी नंबर 2 पर फैसला ले सकती है।