दो IPS अफसरों ने नौकरी छोड़कर यूपी में चुनाव लड़ा, दोनों जीते, अब मंत्री बनने की हैं अटकलें
इस बार के विधानसभा चुनाव में कई ऐसे कैंडिडेट भी उतरे जो पहले प्रशासनिक जिम्मेदारी संभाल रहे थे। लेकिन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देकर चुनावी दंगल में कूदने का फैसला किया। इसमें 2 नाम काफी चर्चा में रहे IPS असीम अरुण और IPS राजेश्वर सिंह।असीम अरुण ने जहां कन्नौज सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े, वहीं राजेश्वर सिंह लखनऊ की सरोजिनी नगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे। अब ये दोनों पूर्व अफसर चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं। दोनों ही पूर्व अफसरों के योगी मंत्रीमंडल में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है।
असीम अरुण ने सपा उम्मीदावार को हराया
IPS की नौकरी छोड़कर चुनाव लड़े असीम अरुण ने समाजवादी गठबंधन के कैंडिडेट अनिल कुमार को 6362 वोटों से हराया। असीम अरुण को 120555 वोट मिले तो वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी अनिल कुमार दोहरे को 114193 वोट मिले हैं।
वहीं बात असीम अरुण की करें तो आईपीएस की नौकरी छोड़कर बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे. उन्होंने कानपुर पुलिस कमिश्नर के पद से सेवानिवृत्ति ली. असीम अरुण ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया था.
असीम अरुण कन्नौज के ही रहने वाले हैं। इस क्षेत्र में उन्होंने अपनी एक अलग ही पहचान बना रखी है। अब चुनावी मैदान में वे उसी पहचान और अनुभव का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं। आपको बता दें कि अनुसूचित जाति से आने वाले असीम अरुण के पिता स्वर्गीय श्री राम अरुण उत्तर प्रदेश के दो बार डीजीपी रह चुके हैं।
राजेश्वर सिंह भारी अंतर से जीते
लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से राजेश्वर सिंह ने जीत दर्ज की। राजेश्वर सिंह को जहां 159872 वोट मिले हैं, तो वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट अभिषेक मिश्रा को 103498 वोट मिले हैं। राजेश्वर सिंह ने अभिषेक मिश्रा को 56374 वोटों से मात दी है।गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने सरोजिनी नगर विधानसभा सीट से मंत्री स्वाति सिंह को रिप्लेस करते हुए राजेश्वर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था। चुनाव से कुछ समय पहले ही राजेश्वर सिंह का टिकट फाइनल हुआ था।
उत्तर प्रदेश पुलिस में कई एनकाउंटर से लेकर प्रवर्तन निदेशालय के तमाम केस पर काम करने वाले राजेश्वर सिंह चुनाव जीतने के बाद कहा कि गुंडे, अपराधियों, माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सख्त कानूनी भी बनाए जाएंगे।
पंजाब में भी ये अफसर चुनाव मैदान में उतरे
पंजाब में 1998 बैच के. IPS अफसर कुंवर विजय प्रताप सिंह ने पंजाब पुलिस के आईजी पद से इस्तीफा देकर अमृतसर नॉर्थ से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। उन्हें 57830 वोट मिले हैं. जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शिरोमणि अकाली दल के अनिल जोशी को 29719 वोट मिले हैं। उन्होंने ये चुनाव 28111 वोटों से जीत लिया।
डॉ. जगमोहन सिंह राजू ने तमिलनाडु में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से इस्तीफा देकर भाजपा से टिकट से अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन वह चुनाव हार गए। उन्हें महज 7255 वोट मिले। बता दें कि इस सीट से पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और शिरोमणि अकाली दल के बिक्रम मजीठिया के बीच बीच टक्कर थी। इस सीट से आम आदमी पार्टी की जीवन ज्योत कौर ने मैदान जीत लिया। उन्हें 39520 वोट मिले हैं। अटारी से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने पूर्व एडीसी जसविंदर सिंह ने चुनाव जीत लिया है। उन्हें 56515 वोट मिले हैं।
पिछले साल एआईजी के पद से इस्तीफा देने वाले हरमोहन सिंह संधू चमकौर साहिब से बसपा के टिकट पर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ चुनाव लड़े। हालांकि वह चुनाव हार गए। उन्हें महज 3788 वोट मिले। वहीं 1980 के मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी दल का हिस्सा रहे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित सुरिंदर सिंह सोढ़ी ने पंजाब पुलिस से सेवानिवृत्ति ले ली थी और आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। बता दें कि वह जालंधर कैंट से चुनाव लड़े थे. लेकिन चुनाव हार गए।
उन्हें 34662 वोट मिले, जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़े पूर्व हॉकी कप्तान परगट सिंह ने बाजी मार ली। भाजपा ने पूर्व पुलिस अधिकारी अशोक बाथ को बलाचौर से अपना उम्मीदवार बनाया लेकिन वह चुनाव हार गए। वहीं आम आदमी पार्टी की टिकट पर करतारपुर सीट से चुनाव लड़े पूर्व. चुनाव लड़े पूर्व पीपीएस अधिकारी बलकार सिंह चुनाव जीत गए।