उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपना परचम लहरा दिया है। सपा हो या बसपा या फिर दूसरे दल, सभी को पछाड़ते हुए बीजेपी एक बार फिर सत्ता पाने में कामयाब हो गई है। बीजेपी का प्रदर्शन पिछले चुनाव जैसा तो नहीं रहा लेकिन इस बार भी पार्टी ने बहुमत हासिल कर लिया है।
वहीं सपा ने भी अपनी सीटों में गजब का इजाफा और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। वहीं दूसरी ओर बसपा ने तो निराशाजनक प्रदर्शन किया और सिर्फ 1 सीट ही हासिल कर पाई। वैसे चुनाव में एक सीट पाने से बसपा प्रमुख मायावती बौखला गई हैं। उन्होंने इलेक्शन हारने पर अपना गुस्सा कुछ यूं निकाला है।
भाजपा-सपा में ही थी मुख्य लड़ाई
यूपी इलेक्शन 2022 की बात करें तो मुख्य लड़ाई भाजपा और सपा के बीच ही थी। मायावती की बसपा कहीं नजर ही नहीं आ रही थी। बसपा के कार्यकर्ता भी ग्राउंड पर मेहनत करते नहीं दिख रहे थे। ऐसा लग रहा था कि उन्होंने पहले ही हार मान ली हो। वहीं मायावती खुद भी बस सोशल मीडिया पर कभी कभार नजर आ जाती थीं।
चुनाव नतीजों ने भी साफ कर दिया कि लड़ाई सिर्फ बीजेपी और सपा की थी। दोनों दलों ने यूपी की करीब-करीब सभी सीटों पर कब्जा कर लिया। हालांकि बीजेपी को सपा तो पछाड़ नहीं सकी लेकिन मुख्य विपक्षी दल बनकर जरूर उभरी है। वहीं बसपा के लिए तो अब अस्तित्व बचाने की जंग शुरू हो गई है।
जानें मायावती ने कैसे निकाला गुस्सा
बसपा प्रमुख मायावती ने एक सीट पाने पर अपना गुस्सा जमकर निकाला है। उन्होंने हार का ठीकरा मीडिया के सिर फोड़ दिया है। शुक्रवार सुबह प्रेस वार्ता में मायावती ने मीडिया को जातिवादी करार दे दिया। वो बोलीं कि चुनाव से पहले ही जातिवादी मीडिया ने बसपा के खिलाफ माहौल खड़ा कर दिया था।
मायावती का आरोप है कि जातिवादी मीडिया ने चुनाव सिर्फ भाजपा और सपा का बता दिया। ऐसे में माहौल ऐसा बन गया कि बसपा के वोट भी इन दोनों ही दलों की ओर खिसक गए। वहीं मायावती बोलीं कि मीडिया ने ही बसपा को बीजेपी की बी टीम बताकर उसके वोटों को दूसरे दलों में शिफ्ट करवा दिया।
सपा की वजह से बीएसपी के वोट गए भाजपा में
मायावती ने प्रेस वार्ता में कहा है कि सपा की वजह से बसपा के वोट भाजपा में शिफ्ट हो गए। उनका दावा है कि बसपा के वोटर इस बात से डर गए थे कि कहीं सपा की सरकार बनी तो गुंडाराज फिर से वापस आ जाएगा और दलितों पर अत्याचार बढ़ेगा। इसी वजह से बसपा के वोटर भाजपा को जिताने में लग गए। वहीं मायावती बोलीं कि अगर मुस्लिम और दलित मिलकर वोट करते तो नतीजा पश्चिम बंगाल की तरह कुछ और होता।
हालांकि मायावती ने इन नतीजों को देखकर हताश न होने को कहा है। उनका कहना है कि ये चुनाव आगे के लिए सबक के तौर पर देखे जा सकते हैं। बसपा प्रमुख ने भाजपा का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा अभी मजबूत है लेकिन साल 2017 से पहले उसका हाल भी यूपी में बहुत खराब था। ऐसे में जी जान से पार्टी के काम में लगे रहिए।