इन 5 वजहों से यूपी में अखिलेश पर भारी पड़ गए योगी, तीसरी वजह ने तो गेम ही पलटकर रख दिया
उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम सामने आ चुका है। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर यूपी में पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लिया है। भाजपा और सपा की जोरदार टक्कर हो रही थी। सपा से बड़े उलटफेर की उम्मीद भी हो रही थी लेकिन ऐसा कुछ हो न सका। बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 403 सीटों में से 275 पर अपना कब्जा कर लिया।
अकेले भाजपा को 255 सीटें मिली हैं। वहीं सपा को 111 सीटें मिल सकीं लेकिन सहयोगी दलों के साथ सपा गठबंधन 125 सीटें अपनी झोली में करने में कामयाब रहा। अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर यूपी में योगी आदित्यनाथ अखिलेश यादव पर भारी क्यों पड़ गए। चलिए हम आपको 5 ऐसी वजह बताते हैं। इन पांच वजहों में तीसरी वजह तो गेम चेंजर साबित हुई।
वजह नंबर 1
योगी के दोबारा सत्ता में लौटने की पहली वजह कानून व्यवस्था है। अखिलेश ने भले ही पुरानी पेंशन से लेकर शिक्षा मित्र नियमितिकरण के तमाम दावे किए लेकिन उनके साथ खराब कानून व्यवस्था का जिन्न जुड़ा रहा। वहीं योगी सरकार में कानून व्यवस्था काफी अच्छी रही। इस वजह से ये ऐसा मुद्दा था जिसने योगी को फिर से सत्ता दिलवा दी।
वजह नंबर 2
भाजपा के दोबारा सत्ता पाने की दूसरी वजह महिलाएं हैं। महिलाओं को बीजेपी ने उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना में हिस्सेदार बनाया। इससे महिलाओं की न सिर्फ प्रतिष्ठा बढ़ी बल्कि उनका भाजपा में और योगी सरकार में भी भरोसा जगा। इसी वजह से महिलाओं ने योगी सरकार को दोबारा लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वजह नंबर 3
तीसरी वजह तो पूरे चुनाव की गेम चेंजर साबित हुई। ये वजह मुफ्त राशन वितरण है। कोरोनाकाल में गरीबों का दर्द समझते हुए योगी सरकार ने मुफ्त राशन बांटा। इसका लाभ हर धर्म, जाति और मजहब के लोगों को हुआ। योगी के इस फैसले की तो मुस्लिम महिलाएं भी तारीफ करती थीं। मोदी भी इस निर्णय का जिक्र अपनी रैलियों में करते आ रहे थे। मुफ्त राशन बांटना योगी के काम आ गया।
वजह नंबर 4
भाजपा ने गरीब किसानों के लिए पीएम सम्मान निधि जैसी योजना चला रखी है। इस योजना में किसानों को हर साल 6 हजार रुपये मिलते हैं। पैसे सीधे किसानों के खाते में भेजे जाते हैं। इसके अलावा शौचालय के लिए भी गरीब और मध्यम वर्ग को मदद मिलती है। बीजेपी की इन योजनाओं ने योगी सरकार को यूपी की सत्ता हासिल करने में खूब मदद की। इन योजनाओं की गांव-गांव तारीफ होती है।
वजह नंबर 5
पांचवी वजह बेहद खास है। भाजपा को इस चुनाव में दलित वोटरों का भी साथ मिल गया है। बीजेपी की जातियों को समान रूप से देखने की मुहिम और एक हिन्दुत्व की सोच दलितों को पार्टी की ओर खींच लाई है। मायावती की बसपा को बस 1 सीट मिली है। यानि करीब 70 फीसदी दलित वोटर भाजपा के पाले में आ गए हैं।
अखिलेश ने भी दलित वोटरों को सपा में लाने की कोशिश की लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। इसकी वजह सपा सरकार में हुए दलितों पर अत्याचार है जिसकी वजह से दलित वोटर सपा और अखिलेश से अक्सर नाराज ही दिखाई देते हैं।